उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 28 नवंबर से होने जा रही है. वहीं इस बार का शीतकालीन सत्र बेहद अहम होने जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि शीतकालीन सत्र नए नियमों के तहत संचालित किया जाएगा. जिसके तहत अब विधानसभा सदस्य अपने साथ सदन में मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकेंगे. विधानसभा की कार्यवाही 65 वर्षों बाद बनायी गई नई नियमावली के तहत संचालित होगी.
अक्सर सदन से कई नेताओं के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आते रहते थे, जिन्हें लेकर अक्सर सवाल खड़े होने के साथ ही विवाद की स्थिति बन जाती थी. ऐसे में अब यूपी की विधानसभा के नियमों में बदलाव किया गया है. जिसके तहत अब विधानसभा सदस्य सत्र के दौरान सदन के अंदर मोबाइल, झंडे, प्रतीक या कोई अन्य प्रदर्शन करने वाली वस्तु को प्रदर्शित नहीं कर सकेंगे.
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर घेरेगा विपक्ष
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दल जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आएंगे. मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के नेता जातिगत जनगणना के मुद्दे पर लगातार सरकार पर आक्रामक रवैया अपनाए हुए हैं. उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा से लेकर कांग्रेस जातीय जनगणना के मुद्दे पर हावी नजर आ रहे हैं.
शीतकालीन सत्र के लिए सर्वदलीय बैठक कल
विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में होने वाली सर्वदलीय बैठक सोमवार को दोपहर 12.30 बजे विधानभवन में होगी. इस सर्वदलीय बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना सभी दलों के नेताओं से विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समय सदन की कार्यवाही के सुचारु संचालन के लिए सहयोग की अपील करेंगे.
शीतकालीन सत्र से लागू हो रही नई नियमावली
दरअसल हाल ही में अगस्त के महीने में मानसून सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली 2023 को मंजूरी मिली थी. जिसमें बनाई गई नई नियमावली शीतकालीन सत्र से लागू हो रही है. ऐसे में अब नेशनल ई-विधान लागू होने के कारण विधानसभा सदस्यों की वर्चुअल उपस्थिति का प्रविधान शामिल किया गया है, जिसके तहत विधायक अपने घर से ही सदन की कार्यवाही से वर्चुअल माध्यम से जुड़ सकेंगे.