वाराणसी : वाराणसी जिले के सारनाथ थाना क्षेत्र के अटल नगर कॉलोनी में खेलते समय चार क्विंटल का लोहे का गेट गिरने से चार साल की बच्ची की दबकर मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने शव को गंगा में प्रवाहित कर दिया। पुलिस ने छानबीन कर परिजनों से जानकारी ली।
मिर्जापुर निवासी आशीष तिवारी गाजीपुर में हेड कांस्टेबल हैं। तीन दशक से आशीष सारनाथ थाना क्षेत्र के मवईया स्थित अटल नगर कॉलोनी में सपरिवार रहते हैं। आशीष के मकान के सामने राजेंद्र सिंह के मकान में दोपहर 12 बजे उनके तीन पोते खेल रहे थे। यह देख आशीष तिवारी का बेटा लक्ष्क्षु और बड़े भाई मनीष कुमार का पुत्र 6 वर्षीय लड्डू भी खेलने पहुंच गया।
भाइयों को खेलता देख आशीष की चार साल की बेटी गुड्डन भी हाथ में किताब लेकर दौड़ते हुए राजेंद्र सिंह के गेट के पास पहुंची। इसी दौरान चार क्विंटल का स्लाइडर वाला लोहे का गेट तेज आवाज के साथ गुड्डन के ऊपर गिर गया। आसपास के लोगों ने किसी तरह उसे बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बेटी की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। दो दिन की छुट्टी पर घर आए पिता आशीष तिवारी और मां प्रीति बेसुध हो गईं। थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह ने पीड़ित परिजनों से जानकारी ली।
सबकी दुलारी थी गुड्डन
घटना के बाद प्रीति अपनी चार साल की बिटिया के शव से लिपट कर रो रही थी। कह रही थी कि अब किसे स्कूल छोड़ने जाएंगे। गुड्डन के दादा कैलाश नाथ तिवारी रिटायर्ड उप निरीक्षक हैं, उन्हें भी संभालना मुश्किल हो रहा था। वह यही कह रहे थे कि घर में सबसे छोटी और सबकी दुलारी थी।
गेट बाउंड्री के अंदर गिरता तो पांच बच्चे भी होते जख्मी
लोगों ने कहा कि गनीमत रहा कि गेट बाहर की ओर गिरा। यदि चाहरदीवारी के अंदर गेट गिरता तो फिर पांच बच्चे भी उसमें दब जाते। गुड्डन जब घर से निकली तो उसके हाथ में किताबें थीं। गेट के साथ बच्ची दबी और पूरा किताब खून से लथपथ हो गया।