
पहल्गाम में हालिया आतंकी हमले के बाद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि जनवरी तक जम्मू-कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की दो यूनिट अब तक क्यों नहीं तैनात की गईं। उन्होंने इसे सुरक्षा व्यवस्था में चूक और सरकार की विफलता करार दिया है।
ओवैसी का बयान
ओवैसी ने कहा, “पहल्गाम में हुए हमले के बाद यह सवाल उठता है कि जनवरी तक तैनात की गई CRPF की दो यूनिट अब तक क्यों नहीं तैनात की गईं।” उन्होंने इसे केंद्र सरकार की नाकामी और सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक बताया।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने पहल्गाम हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर एक नई रणनीति बनाई जा रही है, जिसमें सेना और अर्धसैनिक बलों की स्थायी तैनाती पर विचार किया जा रहा है। यह कदम अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को देखते हुए उठाया जा रहा है, जो 3 जुलाई से शुरू होनी है। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर एक विस्तृत समीक्षा की जाएगी, ताकि किसी भी सुरक्षा अंतर को भरने के लिए स्थायी तैनाती की योजना बनाई जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
पहल्गाम हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा बलों की तैनाती में सुधार और स्थानीय युवाओं के साथ बेहतर संवाद की आवश्यकता है, ताकि आतंकवाद की घटनाओं को रोका जा सके। ओवैसी ने भी इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
निष्कर्ष
पहल्गाम हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है। ओवैसी के सवाल ने केंद्र सरकार को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कौन-कौन से कदम उठाती है।