अयोध्या और काशी के लिए आपकी सेवायें सदैव स्मरण की जाएंगी।

आपके योगदान को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा-डॉ० अम्मार रिज़वी

सीतापुर । पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री व भाजपा वरीष्ठ नेता डॉ० अम्मार रिज़वी ने प्रधानमंत्री को पत्र भेज
कर गोस्वामी तुलसी दास जी की संरचना को ध्यान में रखते हुए अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम पर ‘गोस्वामी तुलसीदास रेलवे स्टेशन अयोध्या धाम’ रखे जाने पर विचार करने का अनुरोध किया । और कहा कि अयोध्या और काशी के लिए आपकी सेवायें सदैव स्मरण की जाएंगी। आपके योगदान को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा।अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम महर्षि वाल्मीकि जी के नाम पर रखा गया जिन्होंने संस्कृत में रामायण महाकाव्य की रचना की थी। निःसन्देह महर्षि वाल्मीकि जी की यह रचना एक बहुत ही महान रचना थी, परन्तु जब गोस्वामी तुलसी दास जी ने इसे बृज भाषा में आम लोगों तक पहुंचाया तब इसकी लोकप्रियता बढ़ी।
संवत 1631 का प्रारम्भ हुआ। दैवयोग से उस वर्ष रामनवमी के दिन वैसा ही योग आया जैसा त्रेतायुग में राम जन्म के दिन था। उस दिन प्रातःकाल तुलसी दास जी ने श्रीरामचरितमानस की रचना 1631 में प्रारम्भ की। दो वर्ष, सात महीने और दुब्बीस दिन में यह अद्भुत ग्रन्थ सम्पन्न हुआ। संवत् 1633 के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में राम विवाह के दिन सातों खण्ड पूर्ण हो गये। पूरे भारतवर्ष विशेषकर उत्तरी भारत के हर घर में यह अत्यन्त लोकप्रिय हो गयी।
इसी प्रकार बाईबल जब तक लैटिन और हिब्रू भाषा में थी, उस समय तक उसकी लोकप्रियता सीमित थी परन्तु जैसे ही उसका अनुवाद आसान अंग्रेजी में हुआ वह दुनिया की सबसे ज्यादा लोकप्रिय ग्रन्थों में गिनी जाने लगी। साथ ही डॉ० अम्मार रिज़वी ने गोस्वामी तुलसी दास जी की संरचना को ध्यान में रखते हुए अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम पर ‘गोस्वामी तुलसीदास रेलवे स्टेशन अयोध्या धाम’ रखे जाने पर विचार करने का अनुरोध किया ।

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