बलिया। अगर आप घर पर गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं तो उसकी एक्सपायरी डेट जरूर जांच लें, वरना इसका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। गैस सिलेंडर बनाते समय प्लांट से इस पर एक्सपायरी डेट लिखी जाती है। यह ए, बी, सी, डी के रूप में लिखी होती है। अक्सर इस पर उपभोक्ताओं का ध्यान नहीं जाता। यह कोड वर्ड गैस एजेंसी या फिर कंपनी के अधिकारियों को पता होता है। जनपद में आलम यह है कि जो सिलेंडर घर-घर में डिलेवरी होती है, वह इतना पुराना होता है कि एक्सपायरी डेट कहां लिखा रहता है किसी को पता नहीं रहता है। सूत्र की मानें तो लोगों को इस बारे में जानकारी न होने के कारण उपभोक्ताओं में भी इसे लेकर कोई जिज्ञासा नहीं रहती है, ऐसे में उपभोक्ताओं को जो भी सिलेंडर दिया जाता है उसे वे चुपचाप ले लेते हैं।
इनसेट….
घटनाओं से लेना होगा सबक
बलिया। फेफना थाना क्षेत्र के कोट अंजोरपुर गांव निवासी उपेंद्र यादव के घर दो साल पहले इसी तरह अचानक सिलेंडर ब्लास्ट हुआ, जिससे उनकी पत्नी मीना देवी गंभीर रूप से झुलस गई थी, इसी प्रकार पिछले साल मार्च के महीने में रतसर कला में खाना बनाते समय आनंद पांडेय के घर सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था, संयोग बढ़िया था कि उस वक्त घर की महिलाएं रसोई घर से कहीं बाहर गई हुई थी वरना बड़ा हादसा हो जाता। उपरोक्त घटनाक्रम को देखते हुए आदमी को सचेत हो जाना चाहिए।
इनसेट…
एजेंसी मालिक धनंजय कुमार ने बताया कि सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में बड़े अक्षरों में ये एल्फाबेट्स लिखे होते हैं, जिसके आगे अंकों में साल का जिक्र होता है। एक्सपायरी डेट आते ही प्लांट से ही सिलेंडर हटा लिए जाते हैं। उनको टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है, बताया कि हर सिलेंडर की 7 साल में रि-टेस्टिंग होती है, इसे एक्सपायरी नहीं कहा जाता। यह क्वाटरली होता है। तय समय में सिलेंडर की प्लांट में ही इसकी जांच होती है, जिसके बाद आगे उसके उपयोग होने या न होने पर निर्णय लिया जाता है।
जानिए कोड वर्ड
ए- जनवरी से मार्च
बी- अप्रैल से जून
सी- जुलाई से सितंबर
डी- अक्तूबर से दिसंबर
यदि सिलेंडर के में ए 24 लिखा है तो इसका मतलब हुआ कि सिलेंडर मार्च 2024 तक ही उपलब्ध है। इसी प्रकार बी,सी,डी को भी कोड किया गया है।
वर्जन:
एक्सपायर्ड सिलेंडर कंपनी खुद ही वापस ले लती है, बावजूद यदि कहीं एक्सपायर्ड सिलेंडर की डिलेवरी दी जा रही है तो संबंधित उपभोक्ता शिकायत करें, निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी।
रामजतन यादव
जिलापूर्ति अधिकारी