योगी जी इधर भी डालिए नजर घर में अबॉर्शन और डिलीवरी के खेल मैं स्वास्थ्य विभाग बना मूकदर्शक

जागरूक बोले: मूंगफली का ठेला लगा लो लेकिन घिनौना कृत्य बंद करो

भ्रूण हत्या पर सभी को होना चाहिए संवेदनशील

पीलीभीत। बिलसड़ा में अदम गोंडवी का यह शेयर सटीक बैठ रहा हैं। कि तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है। मगर यह बात झूठी है। और दावा किताबी है। स्वास्थ्य विभाग की सर परस्ती में राजनीतिक पकड़ के चलते मरीजों की मौत का सिलसिला नगर में रुकने का का नाम नहीं ले रहा है
घर के अंदर चल रहे झोलाछाप के क्लीनिक पर तीन दिन पूर्व एक प्रसूता की हुई मौत के बाद सुर्खियों में आया मामला अब तूल पकड़ने लगा है। नगर के व्यापारी एवं प्रबुद्ध वर्ग के लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर रोष प्रकट करते हुए जमकर टिप्पणी की जिसमें मूंगफली का ठेला भले ही लगा लो, लेकिन इस तरह का घिनौना कृत्य मत करो। उधर इन सभी लोगों ने भी ऐसे कृत्य पर लगाम लगाए जाने की मांग की है।घर के अंदर चल रहे झोलाछाप के क्लीनिक पर 3 दिन पूर्व एक प्रसूता की हुई मौत के बाद सुर्खियों में मामला आया।ऐसे घृणित कार्य एवं घटित घटना के परिप्रेक्ष्य में समाज के प्रबुद्ध वर्ग ,व्यापारी अधिवक्ता व महिलाएं आदि में काफी रोष व तनाव व्याप्त है। इसलिए कुछ समय से ऐसी काफी घटनाएं नगर में घटित हो चुकी हैं। मगर बड़े ही अफसोस की बात है कि क्या बीतती है उस परिवार पर जिसके यहां मौत से खिलवाड़ होता है। क्यों ऐसे मामले में स्वास्थ्य विभाग मौन बना बैठा है।स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर ऐसे गंभीर मामलों में कोई एक्शन क्यों नहीं लेते हैं। ऐसा घिलौना व गंदा काम करने वाला क्यों ऐसा घृणित कार्य बंद नहीं करते ।ऐसा पेशा या व्यवसाय करने वाले लोग इससे अच्छा है, कि कोई और काम कर ले। सब्जी, चाट या मूंगफली का ठेला भले ही लगा ले लेकिन ऐसे जघन्य अपराध से लोगों को बचना चाहिए। उधर प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का यह भी कहना है कि लानत है ऐसे अधिकारियों पर जो मूक दर्शक ही नहीं सिर्फ एक कठपुतली बन कर रह जाते हैं,, कोई अधिकार नहीं है उन्हें अपने पद पर बने रहने का। बोले बहुत तकलीफ़ होती है, मुझे जब ऐसी घटनाएं घटित होती है,, क्या करूं दिल से मैं बहुत ही इमोशनल हूं,, लेकिन इस सिस्टम पर बहुत ही गुस्सा आता है,, डरता हूं तो सिर्फ ऊपर वाले से,,,कमी भी है मुझमें क्यों कि हमेशा खरा और स्पष्ट बोलता हूं,,,आज तक कभी मीठा नहीं बोल पाया l और न ही किसी की मक्खन बाजी और चाटुकारिता की। उन्होंने यह भी कहा कि अब और न हो ऐसे कृत्य,, ज़िन्दगी बहुत ही अनमोल होती है चाहे वह किसी की हो,, बहुत अच्छे कर्मों के बाद इन्सान का जन्म मिलता है,, इसलिए उसे जानबूझकर कोख में न मारा जाए। उधर व्यापारी नेताओं ने भी इस तरह के घृणित कार्यों पर लगाम लगाए जाने और ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की भी मांग की है। इतना ही नहीं इसके अलावा प्रबुद्ध वर्ग ने भी इस पर तत्काल लगाम लगाने के साथ ही कार्रवाई की मांग उठाई है। खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ऐसे कृत्य करने वालों को कार्रवाई के नाम पर खाना पूरी करते हुए आरोपी से मिली भगत कर पल्ला झाड़ रहा है पूर्व में भी पिछले वर्ष झोलाछाप के द्वारा प्रसूता का अबॉर्शन के दौरान महिला की बच्चेदानी में कैंची लगने से दर्दनाक मौत हो गई थी स्वास्थ्य विभाग ने जांच के नाम पर कार्रवाई करने के बजाय नोटिस देकर पल्ला झाड़ लिया आज तक कोई कार्रवाई नहीं की जिस कारण घरों में धड़ल्ले से चल रहे अवैध क्लिनिक झोलाछाप की लापरवाही से महिला की प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्त स्राव होने की वजह से पुत्री का मुख देखने से पूर्व ही महिला की दर्दनाक मौत हो गई थी।

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