जहांगीराबाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बाराबंकी में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा प्रेडीकेट लॉजिक इन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तकनीक पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे एक्सिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कानपूर की डॉ शुबहा जैन (प्रोफेसर) वेबिनार के माध्यम से सम्मलित हुई।
उन्होंने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा की साइंस ने लगातार विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किये है हमने तकनीकी प्रगति की एक विशाल लहर देखी है जिसने हमारी दिन प्रतिदिन की गतिविधियों को सरल बना दिया है हर दिन साइंस में कोई न कोई एक्सपेरिमेंट हो रहा है ऐसा ही एक सफल एक्सपेरिमेंट आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के रूप में भी हुआ है।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस में प्रेडीकेट लॉजिक ऑब्जेक्ट्स और उनके गुणों के बीच सम्बन्ध निकलने के लिए एक फॉर्मल फ्रेमवर्क का काम करता है इसके अलावा यह एक मैथमेटिकल लैंग्वेज है जो नॉलेज को स्पष्ट और सही तरीके व्यक्त करने में सक्षम करती है जो इसे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस में उपयोग के लिए एकदम सही बनती है।
डॉ नूरुल इस्लाम ने कहा की अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ होता है – आर्टिफीसियल तरीके से विकसित की गयी यह एक बौद्धिक क्षमता है अर्थात यह मशीनो द्वारा विकसित की गयी इंटेलिजेंस है आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक सब डिवीज़न है और यह पूर्ण तरह से कंप्यूटिंग सिस्टम पर आधारित है साथ ही साथ उन्होंने बताया AI में प्रेडीकेट लॉजिक प्रेडिकटेस और वेरिएबल्स जैसे सिम्बल्स का उपयोग करके काम्प्लेक्स रिलेशन के रिप्रजेंटेशन को आसान बना देता है AI में प्रेडीकेट लॉजिक कई जटिल सम्बन्धो को दर्शाने के लिए किया जाता है यह कंजंक्शन डिस्जंक्शन जैसे अन्य प्रकार के कथनो का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
कार्यशाला के समापन पर कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के हेड श्सादिक़ अंसारी ने मुख्य अतिथि एवं शामिल सभी शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं का धन्यवाद् किया