बलिया। मौसम के अचानक करवट बदलने से अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई है। साल भर मेहनत करके उगाई गेहूं की फसल खेतों में तैयार खड़ी है। तेज हवा और बारिश से गेहूं की फसल खेतों में बीछ गई है। तेज हवा व बारिश गेहूं की फसल पर आफत बनकर टूट रही है। एक के बाद एक आंधी आ रही है। मौसम की मार ने किसानों के साल भर की मेहनत पर पानी फेरने की कोशिश कर रहा है। अन्नदाता पर कुदरत की मार पड़ रही है। बृहस्पतिवार की सुबह मौसम ने फिर पलटी मारी। आकाश में काली घटाएं बनाई चंद मिनट में आंधी शुरू हो गई। साथ में पानी आंधी से क्षेत्र में गेहूं की फसल खेतो में गिर गई हैं। खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर पटा हुआ है। गेहूं की बालियां इधर से उधर खेतों में जा गिरी है। बारिश से किसानों का बहुत बड़ा नुकसान हो गया। किसानों का कहना है कि जो गेंहू की फसल बच भी गई हैं, उसका दाना काला पड़ जाएगा। गेहूं की चमक फीकी पड़ जाएगी। दाम और उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा। किसानों का कहना है कि कुदरत की मार फसल पर पड़ रही है। साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है।भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। मौसम के बदले मिजाज के कारण मौसम रोज खराब हो रहा है। फसल पर संकट के बादल अभी मंडरा रहे है। किसान बिष्णु ओझा, महेंद्र सिंह, टुन्नू सिंह आदि किसानों का कहना है कि 20 से 35 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान जो फसल गिरी उसकी कटाई में परेशानी आएगी। आसानी से मजदूर नहीं मिलेंगे काफी दाना खेतों में झड़ जाएंगे।