केजरीवाल CM पद छोड़ेंगे या जेल से चलाएंगे सरकार?

नई दिल्ली। आबकारी घोटाला मामला में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है।

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी सहित अन्य आप नेताओं ने कहा है कि केजरीवाल पद नहीं छोड़ेंगे। वह जेल से सरकार चलाएंगे। वहीं, पूर्व में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गिरफ्तारी से पहले अपना पद छोड़ दिया है।

केजरीवाल से पहले भी कई राज्यों के मुख्यमंत्री गिरफ्तार हो चुके हैं। इसी वर्ष जनवरी में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले ही उन्होंने राज्यपाल के पास जाकर अपने त्यागपत्र सौंप दिया था।

मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने गिरफ्तारी से पहले कुर्सी छोड़ दी थी।

हेमंत सोरेन (झारखंड)-

जमीन घोटाला मामले में ईडी ने 31 जनवरी को उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

लालू यादव (बिहार)-

मुख्यमंत्री रहते हुए लालू यादव की भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी हुई थी। उन्होंने जेल जाने से पहले इस्तीफा दिया था। लालू यादव को 1997 में चारा घोटाले में सीबीआइ ने आरोपी बनाया। जब उनकी गिरफ्तारी अपरिहार्य हो गई तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

जयललिता (तमिलनाडु)-

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं को सितंबर 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाया गया था। उन पर सौ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया और चार वर्ष की सजा सुनाई गई थी। अदालत के आदेश के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

बीएस येदियुरप्पा (कर्नाटक)-

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के मामले में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में वर्ष 2011 में उन पर राज्य में अवैध माइनिंग के आरोप लगे थे। उन्हें अगस्त 2011 में येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था।

उमा भारती (मध्य प्रदेश)-

उमा भारती द्वारा कर्नाटक के हुबली में 15 अगस्त, 1994 में तिरंगा फहराने पर वहां दंगा भड़क गया था। उन पर दंगा भड़काने का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर उन्होंने 23 अगस्त, 2004 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

Related Articles

Back to top button