अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा की तरह रामलला का जन्मोत्सव भी प्रतिमान गढ़ेगा। नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होने के बाद 17 अप्रैल को रामलला का प्रथम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। यह ऐतिहासिकता सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और पारंपरिक आयोजनों से परिभाषित होगी। रामनवमी पर तीन दिन (अष्टमी, नवमी व दशमी) श्रीराम मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा। भोग व विशेष अनुष्ठान पर ही कुछ देर के लिए पट बंद होंगे।
भव्य श्रीराम मंदिर में पहली बार मनाई जाने वाली रामनवमी पर अपार श्रद्धालुओं के रामनगरी पहुंचने की संभावना है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद उमड़ी श्रद्धालुओं की संख्या से सबक लेते हुए इस बार शासन ने स्वयं कमान संभाली है। पखवारे भर पहले यहां पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी की तैयारी को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।
बैठक में की गई तैयारी की समीक्षा
तैयारी की समीक्षा के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और डीजीपी प्रशांत कुमार रामनगरी पहुंचकर बैठक की, जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारी भी शामिल हुए।जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि राममंदिर व हनुमानगढ़ी पर श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सकें, इसकी व्यापक व्यवस्था की गई है। श्रीराम मंदिर से लेकर सुग्रीव किला तक बैरीकेडिंग की जाएगी। श्रद्धालुओं की पेयजल व अन्य सुविधा के लिए मंदिर ट्रस्ट भी व्यवस्था कर रहा है। इस पर भी बैठक में चर्चा हुई है।
तीन दिन 24 घंटे होगा दर्शन
राम मंदिर में 24 घंटे दर्शन व्यवस्था अभी तीन दिन के लिए प्रस्तावित है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इस पर आगे का निर्णय लिया जाएगा। परिसर की सुरक्षा से समझौता किए बिना श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। राम जन्मोत्सव पर रमेश भाई ओझा एवं मृदुल कृष्ण जैसे दिग्गजों का प्रवचन प्रस्तावित है।
एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा प्रवचन
मृदुलकृष्ण तो एक अप्रैल से ही रामायण सत्संग भवन में प्रवचन शुरू कर देंगे। यद्यपि उनका प्रवचन भागवत कथा पर आधारित है, किंतु अयोध्या और राम जन्मोत्सव की पवित्र बेला को ध्यान में रखकर वह राम जन्मोत्सव का मर्म भी विवेचित करेंगे। दिग्गज कथा व्यास रमेश भाई ओझा नौ अप्रैल से 17 अप्रैल तक रामकथा करेंगे।