उत्तरकाशी सुरंग हादसा में कौन हैं ज़िम्मेदार किसकी थी गलती…

उत्तरकाशी के टनल में 400 घंटे से ज्यादा समय तक चले चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान में तकनीकी और आस्था की डोर के सहारे सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकल गया. इस दौरान राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक के मंत्री और अधिकारी टनल के आसपास मौजूद रहे और लगातार कोशिश करते रहे कि मजदूरों को जल्द बाहर निकाला जाए. आखिरकार मंगलवार रात को इन मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. 41 मजदूर तो बच गए, लेकिन कुछ सवाल जस के तस खड़े हैं. जिसमें सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर सुरक्षा में चूक कैसे हुई जिस कारण इतनी बड़ी घटना घटी.

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान टनल के मुहाने पर बाबा बौखनाग का मंदिर स्थापित किया गया था. जिसके बाद गुफा से कुछ राहत भरी खबरें सामने आने लगी थी. उसके बाद टनल के ऊपर पानी से बनी भगवान शिव की आकृति दिखने के बाद ही वहां मौजूद श्रमिक, स्थानीय लोग और मीडिया कर्मी भी हैरत में थे, लेकिन सबको विश्वास हो चला था कि मंगलवार को ही श्रमिक बाहर निकल आएंगे और हुआ भी वही. आस्था और विज्ञान के गठजोड़ ने इस मिशन में सफलता दिलाई. इसमें कोई दो राय नहीं है.

अगर हो जाती अनहोनी तो कौन होता जिम्मेदार?

अब इस टनल के बाहर ही बाबा बौखनाग के मंदिर को बनाने की मांग जोर पकड़ रही है, लेकिन कुछ सवाल भी उठने लगे हैं कि आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन रहा, जिस कारण 41 जिंदगिया अंदर और केंद्र-राज्य सरकार बाहर परेशान हुई. अगर इन 41 मजदूरों को नहीं बचाया गया होता तो आज इनकी मौत का जिम्मेदार कौन होता. फिलहाल इन सभी पहलुओं पर जांच शुरू हो चुकी है.

एस्केप प्लान क्यों नहीं बनाया गया?

सबसे बड़ा सवाल तो यही खड़ा होता है कि टनल के अंदर एस्केप प्लान क्यों नहीं बनाया गया. जबकि बाद में ये बात भी सामने आई कि टनल के डीपीआर में इसका प्लान था, लेकिन इसका निर्माण नहीं किया गया. ये सवाल भी उठे हैं कि श्रमिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए गए. परियोजना के निर्माण से पहले सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक सुरक्षात्मक उपाय किए गए या फिर स्टडी को ही दरकिनार कर दिया गया? यह भी एक बड़ा सवाल है.

ऐसे कार्यों में किसी भी तरह की खामी के लिए निर्माण कंपनी सीधे तौर पर उत्तरदायी होती है. काम को समय पर पूरा करने की भी पूरी बाध्यता होती है. किसी भी तरह की हीला हवाली के लिए निर्माण कंपनी पर भारी भरकम जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी किया जाता है. इस मामले में क्या होगा ये तो जांच के परिणाम पर निर्भर करता है और परिणाम कब तक आएंगे यह देखने वाली बात होगी.

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