बेंगलुरु। एक तरफ जहां अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है। वहीं, कर्नाटक में राम मंदिर से जुड़े 31 साल के पुराने मामले में एक कारसेवक को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी ने राज्य में सियासी हलचल मचा दी है। भाजपा ने जानकारी दी कि इस गिरफ्तारी के खिलाफ बेंगलुरु में बुधवार (3 जनवरी) को पार्टी विरोध प्रदर्शन करने वाली है।
प्रह्लाद जोशी ने सिद्धारमैया सरकार पर उठाए सवाल
केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कार सेवकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “क्या सिद्धारमैया यहां आईएस सरकार बनाने की प्रक्रिया में हैं? या है वह राज्य में मुगल, इस्लामी सरकार चला रहे हैं?
सिद्धारमैया को निमंत्रण न मिलने पर केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कांग्रस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, मैं केंद्रीय मंत्री हूं मुझे भी न्योता नहीं दिया गया है। राम मंदिर समिति तय करेगी कि किसे आमंत्रित किया जाए और किसे नहीं।
कारसेवक की गिरफ्तारी पर बोलते हुए सीएम सिद्धारमैया ने पूछा, “गलत काम करने वालों के साथ क्या किया जाना चाहिए? क्या हमें उन्हें छोड़ देना चाहिए?”
22 जनवरी को राज्य में छुट्टी को लेकर सीएम ने क्या कहा?
कोप्पा में बासपुर हवाई अड्डे के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमने पुलिस से पुराने मामलों को निपटाने के लिए कहा है। किसी भी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हम अदालत के निर्देश के अनुसार आगे बढ़ेंगे।”
राम मंदिर उद्घाटन के लिए 22 जनवरी को छुट्टी की बीजेपी विधायक यशपाल सुवर्ण की मांग पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “मुझे बीजेपी की सरकारी छुट्टी की मांग की जानकारी नहीं है। मुझे छुट्टी के बारे में जानकारी नहीं है।” उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार कार्यक्रम का आयोजन कर रही है और वे छुट्टी पर फैसला ले सकते हैं।”