क्या है रेंट एग्रीमेंट और क्यों है जरूरी, यहाँ जाने पूरी डिटेल्स…

नई दिल्ली। जब भी कोई मकान मालिक अपना घर या कमरा किराए पर देते हैं तो उन्हें रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवाना चाहिए। रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार के बीच बनाए जाने वाला एक डॉक्यूमेंट है।

यह एक तरह का समझौता होता है जिसमें दोनों पार्टी के लिए रूल्स मेंशन होते हैं। इन नियमों को दोनों पार्टी फॉलो करते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि रेंट एग्रीमेंट बनवाते समय दोनों पार्टियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

रेंट एग्रीमेंट क्या है
रेंट एग्रीमेंट एक तरह का समझौता होता है जो मकान मालिक और किराएदार के बीच किया जाता है। इस समझौते में वह सभी शर्तें शामिल होती है जो दोनों पार्टियों को फॉलो करना होता है। रेंट एग्रीमेंट में मंथली रेंट, सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा एग्रीमेंट का टेन्योर और भी कई शर्तें होती है।

कई किराएदार रेंट एग्रीमेंट को झंझट भरा समझते हैं तो बता दें कि अगर रेंट एग्रीमेंट नहीं होता है तो मकान मालिक अचानक घर का किराया बढ़ा सकता है या फिर मकान खाली करने के लिए भी कह सकता है। वहीं रेंट एग्रीमेंट में वह इस तरह की मनमानी नहीं कर सकता है।

इन सब के अलावा रेंट एग्रीमेंट ना होने पर आपको हाउस रेंट अलाउंस का लाभ भी नहीं मिलता है। जी हां, अगर आप एचआरए के लिए क्लेम करने जाते हैं तब आपको रेंट एग्रीमेंट की जरूरत होती है।

रेंट एग्रीमेंट में क्या होना चाहिए

  • रेंट एग्रीमेंट में किराया चुकाने की तय तारीख होनी चाहिए। अगर किराया देर से चुकाते हैं तो कितनी पेनल्टी लगेगी इसकी भी जानकारी एग्रीमेंट में होनी चाहिए।
  • रेंट एग्रीमेंट में यह मेंशन होना चाहिए कि मकान का किराया कब और कितना बढ़ाया जाएगा।
  • मकान को सही रखने के लिए कितना मेंटेनेंस चार्ज होगा और पानी बिजली के बिल का भुगतान कौन करेगा यह सब जानकारी रेंट एग्रीमेंट में होनी चाहिए।
  • एग्रीमेंट कब टर्मिनेट होगा इसकी भी जानकारी होनी चाहिए।

अगर किराएदार या फिर मकान मालिक को रेंट एग्रीमेंट कि किसी शर्त पर आपत्ति होती है तो वह उसे समय से पहले सही करवा सकता है। इसके अलावा दोनों पार्टी को रेंट एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले एक बार अच्छे से पढ़ लेना चाहिए।

किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
कई बार मकान मालिक को चिंता रहती है कि कहीं किराएदार मकान पर कब्जा ना कर लें। इसलिए रेंट एग्रीमेंट का रजिस्टर्ड होना बहुत जरूरी है। बिना रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट का दुरुपयोग भी किया जा सकता है। अगर एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं होता है तो किराएदार मकान को खाली करने से इंकार भी कर सकता है।

इसी तरह किराएदार को एग्रीमेंट में कोई बात जोड़नी है तो वह मकान मालिक से बातचीत करके एग्रीमेंट में वह बात जोड़ सकता है।

Related Articles

Back to top button