तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का क्या कहना हैं…

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों में अब तक कांग्रेस शुरुआती रुझानों के मुताबिक 64 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में ही बढ़त बनाए हुए, जबकि बाकी के 3 राज्यों में पिछड़ी हुई है. इन 3 राज्यों में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल है. अगर हम तेलंगाना में कांग्रेस की मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए बात करें तो ये काफी शानदार है. ऐसा माना जा रहा है कि इसके पीछे तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी का भी योगदान है. इस बार उन्हें सीएम चेहरा भी माना जा रहा है. वो गजवेल विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं.

तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ने राज्य में कांग्रेस की दिशा बदल दी है. 56 वर्षीय राजनेता रेवंत रेड्डी केवल 6 साल पहले पार्टी में शामिल हुए थे. इसके बाद वो स्टेट यूनिट के कार्यकारी अध्यक्ष बने और कुछ समय के बाद सांसद. वहीं मौजूदा समय में वो तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष हैं. रेवंत रेड्डी की नेतृत्व शैली ने प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना भी अर्जित की है. वो पार्टी के नेताओं की आलोचना करने से भी पीछे नहीं हटते हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने गुरु एन चंद्रबाबू नायडू और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की प्रशंसा भी की है. वो पहले TDP के मेंबर थे और दो बार विधायक भी रह चुके थे.

कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी की भतीजी से शादी
रेवंत रेड्डी की शादी दिग्गज कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी की भतीजी गीता से हुई है. दोनों की एक बेटी भी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय अलग-अलग राजनीतिक संबद्धताओं के कारण परिवार इस मैच के खिलाफ थे लेकिन बाद में समस्याएं सुलझ गयी. रेड्डी का जन्म 8 नवंबर 1969 को महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में हुआ था. वो आर्ट्स में ग्रेजुएट है.

उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय के ए. वी. कॉलेज से आर्ट्स की पढ़ाई की है. वो छात्र अवस्था में दक्षिणपंथी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP) के सदस्य थे. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रेवंत ने एक प्रिंटिंग प्रेस शुरू की. रेड्डी वर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और उनकी पार्टी के तीखे आलोचक रहे हैं. वो जुलाई 2021 में तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख बने और जैसे-जैसे उनकी दृश्यता बढ़ी, उन्हें BRS सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर सड़क पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेते देखा गया.

TDP ने पार्टी से किया था बेदखल
हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान रेवंत रेड्डी ने KCR के बेटे KTR पर हमला करते हुए कहा था कि मैं मेरिट कोटा पर हूं. वो मैनेजमेंट कोटा/ NRI कोटा पर हैं. हर कोई KTR को KCR के बेटे के रूप में जानता है. हमारा KTR से कोई लेना-देना नहीं है. हमारी राजनीतिक लड़ाई KCR से है. तेलंगाना के गठन से पहले 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में रेवंत एक बार फिर कोडंगल सीट से TDP के उम्मीदवार बने और उन्होंने एक बार फिर गुरुनाथ रेड्डी को हराया, जो इस बार TRS के उम्मीदवार थे.

इस चुनाव में उनकी जीत का अंतर भी दोगुना हो गया. इस प्रदर्शन के बाद TDP ने रेवंत को सदन का नेता बनाया. 25 अगस्त 2017 को TDP ने कथित तौर पर रेवंत को इस पद से बर्खास्त कर दिया, जब उन्हें पता चला कि वो कांग्रेस में शामिल होने जा रहे थे. आखिरकार 31 अक्टूबर, 2017 को रेवंत कांग्रेस में शामिल हो गए.

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