नई दिल्ली। फिट रहने के लिए लोग तरह-तरह की डाइट अपनाते हैं, इन्हीं से एक है वीगन डाइट। इसे कई लोग वेजिटेरियन डाइट से जोड़कर देखते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इसका कॉन्सेप्ट इससे काफी अलग है। आइए जानते हैं ये किस तरह की डाइट है और अगर आप भी इसे अपनाने का मन बना रहे हैं तो इस आर्टिकल में जान पाएंगे इसके फायदे और नुकसानों के बारे में।
क्या है ‘वीगन डाइट’
ये डाइट का एक ऐसा प्रकार है जिसमें पशु या उनके माध्यम से बनाए गए प्रोडक्ट्स को शामिल नहीं किया जाता है। जी हां, अगर आप इसे अबतक वेजिटेरियन डाइट का ही एक रूप मान रहे थे, तो जान लीजिए कि ये उससे किस तरह से अलग है। इसमें तमाम डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, मक्खन, पनीर, शहद, अंडा, मांस आदि नहीं खाया जाता है। आसान शब्दों में समझें तो ये प्लांट बेस्ड डाइट होती है, जिसमें पौधों द्वारा निर्मित चीजों का ही प्रयोग किया जाता है। जानकारी के लिए बता दें, वीगन लोग न सिर्फ डाइट बल्कि उन मेडिसिन, कपड़े या जूतों का भी इस्तेमाल नहीं करते जिसमें पशु या उनसे जुड़े प्रोडक्ट्स का यूज किया जाता है।
वीगन डाइट में फल-सब्जियां, अनाज आदि शामिल होता है। अगर आप इसे फॉलो कर रहे हैं तो आप पशु से प्राप्त दूध के बजाय सोयाबीन या बादाम के दूध का सेवन कर सकते हैं। ऐसे ही घी के विकल्प के तौर पर आप ऑलिव ऑयल, सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वीगन डाइट के फायदे
- इस डाइट में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बिल्कुल नहीं होती है। इससे बीमारियों का जोखिम कम रहता है। साथ ही ये डाइट आपकी हार्ट हेल्थ को भी बेहतर बनाए रखने में भी मददगार होती है।
- इस डाइट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में ये शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। वीगन डाइट अपनाने से आप ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज आदि को भी कंट्रोल में कर सकते हैं।
- पशु-पक्षियों की लाइफ इस प्रकार की डाइट को फॉलो करने से सुरक्षित रहती है।
- पर्यावरण की बेहतरी के लिए भी ये डाइट अच्छी मानी जाती है। ये आपके कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करने में मददगार होती है।
- ये आपके कैलोरी इनटेक को कम करती है, वहीं प्रोटीन के इनटेक को बढ़ावा देकर अपके वेट लॉस में बढ़िया ऑप्शन साबित हो सकती है।
वीगन डाइट के नुकसान
- आप अगर अपने आहार में पशुओं से प्राप्त सभी चीजों को हटा देते हैं तो ऐसे में शरीर को कई पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- शरीर में पर्याप्त पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए कई ऑप्शन्स पर निर्भर रहना पड़ता है जो ज्यादातर पशुओं से प्राप्त होते हैं। ऐसा नहीं करने पर गट हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
- डेयरी प्रोडक्ट्स हो या मीट, इन्हीं में अधिकतर विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। ये प्लांट बेस्ड डाइट में अच्छी मात्रा में नहीं पाए जा सकते हैं। इस प्रकार की डाइट में शरीर में कैल्शियम की कमी भी देखने को मिल सकती है।
- ऐसे रेस्टोरेंट आपको कम ही मिलेंगे जो वीगन खाना परोसते हों। ऐसे में आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है और कैलोरी इनटेक पर ध्यान न देने पर आपको शारीरिक कमजोरी भी हो सकती है।
- एक स्टडी की मानें तो 45 साल से कम उम्र की करीब 30 प्रतिशत महिलाओं ने लगातार तीन साल तक वीगन डाइट फॉलो की। ऐसे में देखा गया कि उन्हें आंशिक या पूरी तरह से माहवारी आना बंद हो गई। इसलिए जरूरी है कि वीगन डाइट को विशेषज्ञ से परामर्श लेकर और प्लान करके ही अपनाएं।