बिना अनुमति के चल रही अवैध मेमर्स केजर फूड्स कम्पनी पर आखिर कब होगी कार्रवाई!

  • किसानों ने मेमर्स केजर फूड्स कम्पनी द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण से बचाने की लगाई गुहार

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ

बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के कन्हईपुर मजरा कुम्हरावा में प्लाट गाटा संख्या 842 पर बीते कई वर्षों से मेमर्स केजर फूड्स कम्पनी संचालित की जा रही है। जिसमें आटा मिल व चोकर के साथ अन्य वस्तुओं का भी उत्पादन किया जाता है,और पैकेजिंग का कार्य किया जाता है तथा कंपनी द्वारा किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदूषण विभाग से प्राप्त नहीं किया गया है। उक्त कम्पनी में नियमों के विपरीत मनमाने ढंग से श्रमिकों से कार्य करवाया जा रहा है जिससे श्रमिकों के हक व सुरक्षा पर भी गम्भीर प्रश्न चिन्ह है।किसानों ने कहा कि उपरोक्त कम्पनी द्वारा प्रदूषण नियन्त्रण के यन्त्र भी नहीं लगाए गये हैं। ऐसा जानकारी में आया है। वहीं कम्पनी के द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाया जा रहा है।जिससे ग्रामीणों को विभिन्न बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।वहीं धुए से फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है।भाकियू संगठन के अमरेंद्र सिंह ने शनिवार को तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में अपर जिलाधिकारी आपूर्ति साहेब लाल को शिकायती पत्र देकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से फैक्ट्री की जांच कराने व फर्जी तरीके से संचालित होने की दशा में कार्रवाई कराने की गुहार लगाई है।

बता दें कि बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के कन्हईपुर मजरा कुम्हरावा चल रही फैक्ट्री मानव जीवन के लिए जहर उगल रही हैं।फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं न केवल इंसान को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इससे पेड़ पौधे और जीव जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं. इस मामले में प्रदूषण विभाग भी अहम भूमिका निभा रहा है। क्योंकि इस फैक्ट्री पर कार्रवाई करने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी नकारा साबित हो रहा है। ऐसा हम नहीं बल्कि फैक्ट्री के आस-पास रह रहे लोग सफेद की बजाय निकलते काले धुएं में मौजूद विषैले तत्वों से परेशान होकर कह रहे हैं।क्षेत्र के कई इलाकों के घरों में जब लोग सुबह उठते हैं, तो छत और आंगन में काली परत नजर आती है। इस काली डस्ट ने लोगों को बीमार करना भी शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है।दरअसल आबादी क्षेत्र में बनी फैक्ट्रियों के प्रदूषण से आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है, फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले धुएं से न सिर्फ गंदगी हो रही है, बल्कि छोटे बच्चों के साथ बुजुर्ग भी बीमारी का शिकार हो रहे हैं।

  • सांस की बीमारी का बढ़ा खतरा क्षेत्र की फैक्ट्रियों के प्रदूषण इतना फैल रहा है कि ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीण इलाकों से लगातार कलेक्टर को इसकी शिकायत भी मिलती हैं.शिकायतों के बाद भी कार्रवाई ना होना यह बड़ी बात है।ग्रामीणों का कहना है कि 50 साल की उम्र से ऊपर के लोगों में प्रदूषण की वजह से सांस की बीमारी बढ़ रही है।
  • कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में

जानकारी के मुताबिक मेमर्स केजर फूड्स फैक्ट्री में 24 घण्टे कार्य होता है, जिसमें सैकड़ों मजदूर काम करते हैं, लेकिन फैक्ट्री के संचालक द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बिना अनुमति व बिना सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों से कार्य करवाया जाना उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना है।जिसके बाद भी जिम्मेदार इस पर कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।

एडीएम आपूर्ति ने दिया जांच का भरोसा

फैक्ट्री के जहरीले धुएं से बुजुर्गों व बच्चों में बीमारी फैलने का खतरा है. लेकिन यहां जिम्मेदार अधिकारी इस बात से बेखबर चैन की नींद सो रहे हैं। तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में एडीएम आपूर्ति साहेब लाल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शिकायत आई है, जल्द ही टीम बनाकर मामले की जांच होगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करने के लिए प्रदूषण विभाग को सूचना दी जाएगी।

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