क्या होता है गर्मी को लेकर मौसम विभाग के रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट का मतलब?

नई दिल्ली। देशभर में इन दिनों भीषण गर्मी का कहर जारी है। इसे लेकर मौसम विभाग भी सक्रिय बना हुआ है और समय-समय पर लोगों को मौसम के हिसाब से अलग-अलग अलर्ट भी जारी कर रहा है। आइए इस आर्टिकल में समझते हैं कि गर्मी को लेकर रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट कब जारी किए जाते हैं और इन रंगों को देखकर किस तरह आप मौसम की गंभीरता का अंदाजा लगा सकते हैं।

रेड अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक, रेड अलर्ट उस स्थिति में जारी किया जाता है, जब तेज गर्मी या लू का प्रकोप इस कदर होता है, जिससे जान-माल के नुकसान का सबसे ज्यादा डर रहता है। यह खराब मौसम को दिखाता है, जब तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा होता है। ऐसे में लू की चपेट में आने वाले इलाकों को सावधान करने और इसे लेकर प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए जरूरी निर्देश दिए जाते हैं।

ऑरेंज अलर्ट
ऑरेंज अलर्ट मौसम विभाग तब जारी करता है, जब घर से बाहर निकलने से पहले सावधानी की जरूरत होती है। इसका मतलब होता है बी प्रिपेयर्ड (Be Prepared) यानी आने वाले दिनों में पड़ने वाली भीषण गर्मी को लेकर लोगों को पहले ही ऑरेंज अलर्ट के माध्यम से सतर्क करने की कोशिश की जाती है। इस अलर्ट के में लोगों को जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है, जिस दौरान सेहत को लेकर भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

येलो अलर्ट
येलो अलर्ट को जारी करने के पीछे का मकसद लोगों को सचेत करना होता है। मौसम विभाग की ओर से यह एक तरह की चेतावनी के रूप में देखा जाता है, ऐसे में आने वाले दिनों के लिए लोगों को पहले से तैयार रहने की सलाह दी जाती है और संबंधित अधिकारी हालात पर नजर बनाए रखते हैं।

ग्रीन अलर्ट
मौसम विभाग की ओर से रेड, ऑरेंज और येलो ही नहीं, बल्कि ग्रीन अलर्ट भी जारी किया जाता है। बता दें, यह उस स्थिति में जारी किया जाता है, जब हालात एकदम सामान्य हो जाते हैं और कहीं आने में किसी प्रकार का जोखिम नहीं होता है। देखा जाए, तो यह अलर्ट के बजाय एक सुकून भरी सांस होती है जब प्रचंड गर्मी से लोगों को राहत मिलती है। इस अलर्ट में बाकी अलर्ट की तुलना में कहीं कोई एक्शन लेने की जरूरत नहीं होती है।

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