ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों का क्या हुआ…

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड लहर के बावजूद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक चार मंत्री सहित सात विधायक अपनी सीट बचाने में नाकामयाब हुए. सिंधिया समर्थक मंत्री सुरेश धाकड़ की पोहरी विधानसभा सीट पर हार 49 हजार से भी ज्यादा वोटों से हुई है. वहीं 6 उम्मीदवार जीतकर फिर से विधानसभा में पहुंचे हैं. यहां बताते चलें कि साल 2020 में 19 विधायकों के साथ बगावत करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.

इन 19 विधायकों में से 13 को सिंधिया ने इस बार के विधानसभा चुनाव (विधानसभा निर्वाचन 2023) में फिर से टिकट दिलवाई थी. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधानसभा चुनाव के दौरान 70 सभाएं और रोड शो भी किए. इस दौरान समर्थक मंत्रियों और विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में भी सिंधिया की सभाएं हुईं, लेकिन चुनाव परिणाम सिंधिया समर्थक नेताओं के लिए निराशाजनक रहे. 13 में से 7 विधायक चुनाव हार गए हैं.

चुनावी नतीजे बताते हैं कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों में महेंद्र सिसोदिया, सुरेश धाकड़, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और रामखेलावन पटेल को हार का सामना करना पड़ा है. हारने वाले सात विधायकों में पोहरी से सुरेश धाकड़, बमोरी से महेंद्र सिसोदिया, मुरैना से रघुराज कंसाना, अंबाह से कमलेश जाटव, डबरा से इमरती देवी, अशोक नगर से जजपाल सिंह जज्जी और बदनावर से राजवर्धन दत्तीगांव शामिल हैं. इमरती देवी तो साल 2020 का उपचुनाव भी हार गई थीं. इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें इसबार फिर से टिकट दिया था.

सिंधिया के इन समर्थकों को नहीं मिला था टिकट

वहीं जीतने वालों में सिंधिया समर्थक मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, बृजेंद्र यादव, गोविंद सिंह राजपूत, डॉ. प्रभुराम चौधरी, मनोज चौधरी और तुसली सिलावट शामिल हैं. साल 2020 में सिंधिया के साथ बगावत करने वाले विधायक गिर्राज डंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, मुन्नालाल गोयल, रक्षा सिरोनियां और जसवंत जाटव को इस बार टिकट ही नहीं मिला था.

मध्य प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड लहर के बावजूद सिंधिया समर्थक मंत्रियों में सुरेश धाकड़ 49481, महेंद्र सिसोदिया 14796, रामखेलावन पटेल 6490, और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव 2976 वोट से पराजित हुए हैं. कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों और विधायकों की हार से बेहद निराश और नाखुश हैं. इसके बावजूद राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि बीजेपी में सिंधिया की हैसियत पर फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.

जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का संदेश

इस बीच चुनाव नतीजे पर खुशी जताते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा की शानदार जीत, प्रदेश की जनता की जीत है. इस विधानसभा चुनाव को जनता द्वारा कांग्रेस की झूठ, फरेब और जातिगत विभाजन की राजनीति को नकारकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सबका साथ, सबका विकास की नीति को अपनाने के लिए याद रखा जाएगा.”

उन्होंने आगे लिखा, “गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के मार्गदर्शन के कारण ही यह अभूतपूर्व परिणाम संभव हो पाया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक जीत, भाजपा के सभी देवतुल्य कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम और समर्पण का परिणाम है. जनता के इस असीम प्यार और विश्वास के लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि मध्य प्रदेश के विकास की यह यात्रा, पूरे जोश और समर्पण के साथ निरंतर जारी रहेगी.

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