AI से हो रहा हैं चुनाव में बदलाव…

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का चुनावी शोर अब से कुछ देर बाद समाप्त हो जाएगा. दोनों राज्यों में 17 नवंबर को मतदान प्रस्तावित है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का ‘देख रहा है प्रमोद’ और मध्य प्रदेश में बीजेपी का ‘एमपी के मन में मोदी’ कैंपेन चर्चा में है.

दोनों पार्टियों ने विपक्ष को टारगेट करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का भी जमकर प्रयोग किया है. बड़े शहरों में जनता को साधने के लिए रैली की बजाय कांग्रेस ने रोडशो और डोर टू डोर कैंपेन पर फोकस किया है.

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के तीन बड़े शहरों (इंदौर, भोपाल और जबलपुर) में जनता को साधने के लिए रोड-शो का सहारा लिया. 

इस बार हिंदी हर्टलैंड के दोनों ही राज्यों के चुनावी कैंपेन में गारंटी की भी गूंज रही. जानकारों का कहना है कि गारंटी के सहारे दलों ने लोगों के विश्वास जीतने की कोशिश की है.

कैसा रहा मध्य प्रदेश का चुनावी कैंपेन? 
1. डोर-टू-डोर कैंपेन पर फोकस- यह पहली बार है, जब मध्य प्रदेश में अधिकांश नेताओं ने बड़ी रैलियों की बजाय डोर-टू-डोर कैंपेन पर फोकस किया. आखिरी वक्त तक बड़े नेता डोर टू डोर कैंपेन में जुटे रहे.

कांग्रेस से जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, तरुण भनोट तो बीजेपी से कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल जैसे दिग्गज नेता प्रचार के दौरान गलियों के खाक छानते नजर आए.

डोर-टू-डोर कैंपेन रणनीति के तहत ही बीजेपी ने अपने बड़े नेताओं से मतदाता पर्ची बंटवाई है. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अंतिम वक्त में मतदाता पर्ची के जरिए लोगों से सीधे जुड़ना हो जाएगा.

डोर-टू-डोर कैंपेन में कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. पार्टी के फ्रंटल संगठन यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई ने कमलनाथ की 5 गारंटी को घर-घर पहुंचाने के लिए कैंपेन चलाया. 

बीएसपी और गोंगपा जैसी पार्टियों के उम्मीदवार भी डोर-टू-डोर कैंपेन के सहारे जनता को साधने की कोशिशों में जुटे रहे.

2. पहली बार गारंटी की गूंज – मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में पहली बार गारंटी की गूंज रही. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपने संकल्प पत्र को बीजेपी ने मोदी की गारंटी नाम दिया. पार्टी ने घोषणा में गेंहू और धान के समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात कही है. 

कांग्रेस ने भी संकल्प पत्र की बजाय इस बार गारंटी पत्र जारी की है. पार्टी ने ‘कमलनाथ की 5 गारंटी’ नाम दिया है. कांग्रेस की गारंटी पत्र में किसानों के ऋण माफ, बिजली बिल हाफ और समर्थन मूल्य जैसे कई अहम घोषणाएं की गई है. 

जानकारों का कहना है कि गारंटी शब्द का प्रयोग विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए किया गया है. कर्नाटक में कांग्रेस को 5 गारंटी का फायदा मिला था और त्रिकोणीय मुकाबले में पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी. 

3. एआई टूल का इस्तेमाल- कांग्रेस और बीजेपी ने एक दूसरे पर निशाना साधने के लिए एआई टूल से बनाए गए वीडियो का जमकर इस्तेमाल किया. बीजेपी ने दिग्विजय के जंगलराज और कमलनाथ के करप्शन को दिखाने के लिए एआई टूल के सहारे कई वीडियो बनवाए.

कांग्रेस ने अपनी योजना को लोगों तक पहुंचाने के लिए एआई टूल का सहारा लिया है. कांग्रेस की ओर से शेयर किए गए एआई टूल के एक वीडियो में कमलनाथ को भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेते हुए दिखाया गया है.

पार्टी युवाओं को लुभाने के लिए लगातार रील्स का सहारा ले रही है. पार्टी के अकाउंट से प्रत्येक दिन 10-15 रील्स शेयर किए जा रहे हैं. नेताओं के भाषण को भी रील्स में बदल कर शेयर किया जा रहा है.

बीजेपी के चुनावी कैंपेन का थीम एमपी के मन में मोदी है. पार्टी ने इस थीम पर कई वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, जो जमकर शेयर किए जा रहे हैं.

4. उम्मीदवार दे रहे पर्सनल टचअप- मध्य प्रदेश के चुनावी रण में उतरे अधिकांश उम्मीदवार खुद को बेटा कहकर प्रचारित करते रहे. इस फेहरिस्त में जीतू पटवारी, संजय शुक्ला जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हैं. 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह पर्सनल टचअप देने की एक कोशिश है. 

छत्तीसगढ़ में कैसा रहा चुनावी कैंपेन?
यहां पर कांग्रेस का ‘देख रहा है प्रमोद’ और ‘भरोसा बरकरार’ वाला कैंपेन काफी चर्चा में है. बीजेपी ने ‘अइ बेर बदलबो’ का नारा दिया है. छत्तीसगढ़ के हर रैली में पार्टी के बड़े नेता यह नारा कार्यकर्ताओं से लगवा रहे हैं. 

1. ‘देख रहा प्रमोद’ का दांव- कांग्रेस ने पहले चरण के वोटिंग से कुछ दिन पहले ‘देख रहा प्रमोद’ कैंपेन लॉन्च किया. यह कैंपेन मशहूर टीवी सीरियल पंचायत के ‘देख रहा है विनोद’ से मिलता-जुलता है. 

इस कैंपेन को एक्टर दुर्गेश कुमार लीड करते नजर आए. इस कैंपेन के जरिए कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपने किए कामों को बताती नजर आईं. जानकारों का कहना है कि पार्टी का प्रचार करने का यह बिल्कुल अनोखा और नया तरीका है.

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक चुनाव की घोषणा से पहले भूपेश बघेल चेहरा थे, लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में लड़ने का फैसला किया. ऐसे में उनकी योजनाओं को तेजी से लोगों तक पहुंचाने के लिए देख रहा है प्रमोद सीरिज का कैंपेन चलाया गया.

2. बदलबो वर्सेज भाजपा के भूलन कांदा- बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में बदलबो का कैंपेन चलाया है. पार्टी एआई टूल के जरिए भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार, महिलाओं के साथ किए गए धोखा जैसे मुद्दे को उठा रही है. वीडियो के अंत में आब नइ सहिबो, बदल के रहिबौ का हैशटेग चला रही है.

वहीं कांग्रेस एआई वीडियो बनाकर बीजेपी के पुराने मामलों को उठा रही है. कांग्रेस को वोट देने की अपील वाले कई छोटे-छोटे वीडियो एआई फॉर्मेट में तैयार कर पार्टी ने शेयर किए हैं.

इसके अलावा, पार्टी ने भूलन कांदा नाम से एक सामान्य वीडियो जारी किया है. इसमें रमन सिंह के 15 सालों की बदहाली को दिखाया गया है.

कैंपेन की जिम्मेदारी प्रोफेशनल लोगों पर
सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी के कैंपेन की जिम्मेदारी एबीएम (एसोसिएट्स बिलियन मांइड्स) के पास है. छत्तीसगढ़ में वाराही नामक एजेंसी बीजेपी के लिए कैंपेन तैयार कर रही है. 

दोनों चुनावी एजेंसी पहले भी पार्टी के लिए अलग-अलग राज्यों में कैंपेन तैयार कर चुकी है. सूत्रों के मुताबिक एसोसिएट्स बिलियन माइंड्स हिंदी बेल्ट के बड़े राज्यों में कैंपेन तैयार करती है, जबकि वाराही के पास छोटे राज्यों की जिम्मेदारी है. वाराही के पास दक्षिण के भी राज्यों की जिम्मेदारी है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कैंपेन की कमान सुनील कानुगोलू की टीम संभाल रही है. कर्नाटक में भी कैंपेन की जिम्मेदारी कानुगोलू टीम के पास थी. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के पुराने टीम पर ही भरोसा जताया है.

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