हम निश्चित तौर पर छानबीन कराएंगे- पीएम

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो टूक कहा है कि भारत कानून के शासन में विश्वास करता है और कोई देश किसी तरह की सूचना साझा करता है तो भारत सरकार उसकी जांच कराएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात अमेरिकी सरकार की तरफ से खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप एक भारतीय अधिकारी पर लगाने के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में कही।

ब्रिटेन के समाचार पत्र फाइनेंशियल टाइम्स की ओर से पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने यह बात कही। वैसे प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के रिश्तों पर कुछ घटनाओं का असर नहीं होगा। कुछ ही दिन पहले यह बात सार्वजनिक हुई है कि अमेरिका ने उच्चस्तर पर यह मुद्दा उठाया है कि पन्नू की हत्या की साजिश में एक भारतीय नागरिक और भारतीय दूतावास में कार्यरत एक अधिकारी की भूमिका है।

भारत ने जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया
अमेरिका के आग्रह पर एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य की पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस आरोप की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन भी किया है। अमेरिका का यह आरोप कनाडा की तरफ से खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंसियों पर लगाने के बाद आया है।

कनाडा और भारत के बीच जबरदस्त कूटनीतिक विवाद
इस कारण कनाडा और भारत के बीच जबरदस्त कूटनीतिक विवाद चल रहा है। पन्नू को भी भारत सरकार ने खालिस्तान समर्थक आतंकी घोषित कर रखा है। इस पूरे विवाद पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है, तो हम उस पर गौर करने को तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है।’

हम निश्चित तौर पर छानबीन कराएंगे- पीएम
उन्होंने कहा कि अगर कोई हमें कोई सूचना देता है तो हम निश्चित तौर पर उसकी छानबीन कराएंगे। इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री ने कुछ देशों में भारत से संबंधित पृथकतावादी तत्वों की गतिविधियों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत विदेश में रहने वाले कुछ अतिवादी तत्वों की गतिविधियों को लेकर काफी चिंतित है। ये लोग अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में भयभीत करने और हिंसा भड़काने का काम करते हैं।

दोनों देशों के बीच साझेदारी का काफी महत्व है
प्रधानमंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या इसका असर भारत-अमेरिका के कूटनीतिक रिश्तों पर भी पड़ा है तो उनका जवाब था कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में सुरक्षा और आतंकवाद रोधी सहयोग का काफी महत्व है। यह सही नहीं होगा कि हम कुछ मामलों को भारत-अमेरिका के कूटनीतिक रिश्तों पर होने वाले असर से जोड़कर देखा जाए। दोनों देशों के रिश्तों को हर पक्ष की तरफ का समर्थन है जो परिपक्व और स्थिर साझेदारी का प्रमाण है।

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