सैकड़ो साल से बसे ग्रामीणों के लिए गांव से आने-जाने का नहीं है कोई रास्ता
मलिहाबाद,लखनऊ। मलिहाबाद विकासखंड में एक ऐसा भी गांव है जहां सैकड़ो साल से बसे ग्रामीणों के लिए आने-जाने का रास्ता आज तक नहीं बन पाया है। एक तरफ रेलवे की जमीन दूसरी तरफ खेतों की वजह से नहीं हो पा रहा है ग्रामीणों की समस्या का समाधान जिसके चलते ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का बोर्ड लगा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी इस समस्या का समाधान नहीं निकाला जाता है तब तक वह मतदान का बहिष्कार करते रहेंगे।
रहीमाबाद थाना क्षेत्र के तरौना मजरे बंगला गांव में 50 से अधिक घर सैकड़ो साल से बने हुए हैं। इस गांव में तकरीबन 200 से अधिक वोटर हैं। ग्रामीण उमेश कुमार, जितेंद्र पाल, रामचंद्र, महेश गौतम, रामकिशोर, रामसनेही पाल, ओमप्रकाश पाल, राजू पाल, संतोष गौतम, रामकुमार, रामजीवन पाल, राजेश पाल, ब्रजमोहन पाल, पिंटू पाल, शिवकुमार, लालू, किशन, सुनील, लाला, सुरेश, मनोज, श्रीरामपाल, मोहम्मद मुन्नन, अनिल गौतम, रामु पाल, महेंद्र पाल, राहुल, छोटेपाल, संजय सहित समस्त ग्रामीणों ने बताया कि उनके लिए गांव से बाहर जाने का कोई भी रास्ता नहीं है। मजबूरन ग्रामीण गांव से कच्ची रास्ता व जंगल से होकर रहीमाबाद सहित अन्य जगहों पर आते जाते हैं। बरसात में यह कच्चा रास्ता भी खराब हो जाता है जिसके चलते आने जाने में लोगों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव में कोई भी बीमार हो जाए तो गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। एक तरफ रेलवे की जमीन दूसरी तरफ खेत होने की वजह से आज तक रास्ते का समाधान नहीं हो पाया है। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों ने उनको हर बार आश्वासन दिया लेकिन आज तक रास्ते का विकल्प नहीं निकाल पाए जिसका खामियाजा ग्रामीण आज भी भुगत रहे हैं। समस्त ग्रामीणों ने जुगराजगंज गांव के सामने गहदो माल सड़क के किनारे रोड नहीं तो वोट नहीं का बोर्ड लगा दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाएगा तब तक वह वोट का बहिष्कार करते रहेंगे।