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-सुनवाई न होने पर आमरण अनशन की चेतावनी
उन्नाव। गंगा एक्सप्रेसवे के दूसरी तरफ करीब 200 बीघा खेतों तक पहुंचने के लिए रास्ता देने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। चेतावनी दी कि सुनवाई नहीं हुई तो आमरण अनशन करेंगे।
मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से रहीमाबाद के मजरा मत्तूखेड़ा के पास ग्रामीणों की लगभग 200 बीघा उपजाऊ भूमि सड़क के दूसरी तरफ है और वहां तक पहुंचने का रास्ता नहीं है। पूर्व में ग्रामीणों ने यहां पर अंडरपास की मांग को लेकर अधिकारियों को प्रार्थनापत्र दिया था लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने एक्सप्रेसवे निर्माण स्थल पर टेंट लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
ग्रामीणों में अनिल कुमार, नंदकिशोर, रामकुमार, बृजकिशोर, नन्हके, श्रीकृष्ण, श्रीकांति, रामप्यारी, उर्मिला, शिवप्यारी, विजय बहादुर आदि ने बताया कि 20 मई को जिलाधिकारी को दिए गए पत्र में बताया गया था कि वह लोग गांव से निकले चकमार्ग से खेतों तक जाते थे। अब गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू होने से खेतों तक जाने वाला रास्ता बंद हो गया है। इससे एक्सप्रेसवे के दूसरे छोर पर लगभग 200 बीघा भूमि पर खेती करना मुश्किल हो जाएगा।
ग्रामीणों ने कहा कि अंडरपास नहीं बना तो उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। चेतानवी दी कि मांग पूरी न हुई तो ग्रामीण आमरण अनशन करेंगे। एसडीएम नवीन चंद्र ने बताया कि जिस स्थान पर ग्रामीण अंडरपास की मांग कर रहे हैं। उससे एक किलोमीटर के अंदर गांव अलीगंज के पास अंडरपास है। इसलिए नजदीक में दूसरा बनाना संभव नहीं हो पा रहा है।