लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी एक बार फिर से एक्शन में आ चुके है। शनिवार को जहां उन्होंने अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन कर लोगों की समस्यायें सुनी तो वहीं अपने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को एक बार फिर काम में जुटने की हिदायत दी। इसके साथ ही यह भी खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में कुछ बड़े फैसले भी करने जा रहे है। सूत्रों की माने तो योगी सरकार वर्ष 2021 से लागू होने की बांट जोह रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून को अमली जामा पहना सकती है।
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जनसंख्या नियं़त्रण काूनन बनाने के लिए योगी सरकार ने राज्य विधि आयोग को जिम्मेदारी सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिदुओं पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और 19 जुलाई 2021 तक इसका मसौदा वेबसाइट पर अपलोड कर इस पर जनता की राय भी ली जा चुकी है। जनता की राय पर विचार करने के बाद राज्य सरकार को सौंप दिया है। विधि आयोग की रिपोर्ट में सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय बताये गये है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं (दो बच्चों का मानदंड)
लाभ –
सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ लाभ (जैसे, अतिरिक्त वेतन वृद्धि, सब्सिडी, रियायती ऋण, कुछ छूट, अतिरिक्त छुट्टियां, आदि)।
आम जनता के लिए लाभ (सस्ता ऋण, छूट, आदि)।
गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले जोड़ों को नकद प्रोत्साहन दिया जाएगा।
हानि-
सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं व सब्सिडी के लाभ से वंचित करना।
राशन कार्ड की सीमा चार तक।
स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध।
सरकारी नौकरियों में आवेदन और पदोन्नति पर रोक।
विधेयक के तहत जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए सरकार द्वारा कार्य किया जाएगा।
स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं और गैर-सरकारी संगठनों आदि के माध्यम से गर्भनिरोधक उपकरणों, सेवाओं से संबंधित वितरण, प्रोत्साहन और जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायेंगे।
छोटे परिवार और स्वस्थ जन्म अंतराल के लाभों से संबंधित सार्वजनिक जागरूकता उत्पन्न करने के लिए बड़े पैमाने पर सूचना और शिक्षा अभियान आयोजित किये जायेंगे।
बच्चों को विभिन्न स्वास्थ्य जोखिमों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण और प्रतिरक्षण अभियान चलाना।