Uttarkashi tunnel rescue: मजदूरों के बेहद करीब पहुंचे बचावकर्मी…..

उत्तरकाशी। उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में बचाव कर्मियों ने मंगलवार को मलबे के अंदर 60 मीटर तक ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया। 800 मिमी व्यास का पाइप भी डाला जा चुका है और 16 दिन से इसमें फंसे मजदूर किसी भी क्षण बाहर निकल सकते हैं।

एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंच गई है। ये टीम मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकालने में मदद करेगी। रेस्क्यू टीमों ने मजदूरों के परिजनों से उनके कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा है। मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जाएगा
सुरंग से बाहर आए CM धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल से बाहर आ गए हैं। वह कुछ देर पहले मेडिकल बैकअप का जायजा करने के लिए सुरंग के अंदर गए थे।

सीएम धामी ने किया ट्वीट
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर जानकारी दी, ‘सिलक्यारा टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है। फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी जगह पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में 8 बेड एवं डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं।
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, ” चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है…चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे। देरी होने के कारण मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा।… वहां पर जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा तथा 10 बेड की सुविधा भी साइट पर तैयार है। चिनूक रात में उड़ान भर सकता है लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं है और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं है। यदि अत्यावश्यकता हो तो श्रमिकों को 1 या 2 एम्बुलेंस में ऋषिकेश लाया जा सकता है…”

किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं- NDMA
एनडीएमए ने कहा, ‘सभी सुरक्षा सावधानियां लागू की जाएंगी। समय से पहले कोई घोषणा नहीं की जानी चाहिए, यह सभी सिद्धांतों के खिलाफ होगा। हमें उन लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है, जो श्रमिकों को बचा रहे हैं। हम किसी भी तरह की जल्दी में नहीं हैं।’

58 मीटर ड्रिलिंग पूरी, 2 मीटर बाकी
एनडीएमए के सदस्य अट्टा हसनैन ने बताया कि 58 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है, लगभग 2 मीटर और खोदने की जरूरत है। साथ ही 45 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी कर ली है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है।

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