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उत्तराकाशी। दीपावली के दिन उत्तरकाशी में बड़ा हादसा हुआ। चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग में पिछले 50 घंटे से अधिक समय से 40 श्रमिकों की जिंदगी कैद है। इन श्रमिकों को निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन रात तीन बजे पहुंची। इस मशीन को स्थापित करने का कार्य चल रहा है। श्रमिकों को निकालने के लिए हरिद्वार बादराबाद से 900 एमएम के पाइप भी पहुंच गए हैं। टनल में फंसे मजदूरों तक मंगलवार को पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसा यूपी के मीरजापुर का मजदूर
उत्तरकाशी। अदलहाट थाना क्षेत्र के घरवासपुर गांव के रहने वाले अखिलेश कुमार उत्तराखंड में नवयुवा कंट्रक्शन कंपनी में काम करते हैं। हादसे के बाद दूसरी साइड पर काम करने वाले रिश्तेदारों ने घर पर अखिलेश के टनल में फंसने की खबर दी। घर वाले अखिलेश का कोई हाल खबर नहीं मिलने पर परेशान हैं।
एसडीआरएफ ने चलाया उत्तराखड में रेस्क्यू ऑप
उत्तरकाशी। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एसडीआरएफ की बचाव टीमों ने उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए अभियान चलाया।
कुछ ही देर में मलबे में डाली जाएगी पाइप, तैयारी पूरी
उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन की सहायता से बड़े व्यास के एमएस पाईप डालने की तैयारी अंतिम दौर में है। कुछ ही देर में अवरुद्ध हिस्से में पाईप डालने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। मौके पर जरूरी सामान के साथ विशेषज्ञ व इंजीनीयर्स मौजूद।
सुरंग के अंदर हुई बाबा बौखनाग की पूजा
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। ऑगर मशीन को स्थापित करने के दौरान सुरंग के अंदर बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना की गई। इसके लिए नवयुग कंपनी की ओर से बाबा बौखनाग के पुजारी रामनारायण अवस्थी को बुलाया गया।
विधिवत पूजा करने के बाद मशीन को संचालित करने का कार्य किया जा रहा है। मशीन को पूरी तरह से स्थापित होने में दो घंटे का समय लगना तय है ।
उत्तरकाशी सुरंग हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में हुए सुरंग हादसे की जांच की जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में छह लोगों को शामिल किया गया है। ये कमेटी इस हादसे के कारणों का पता लगाएगी।
बचाव टीम में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में कैविटी खुलने से हुए भूस्खलन और सुरंग के अंदर श्रमिकों के फंसने की सूचना के बाद सिलक्यारा में रेस्क्यू टीमों द्वारा ऑपरेशन जारी है। इस टीम में आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीमें हैं। परंतु सुरंग के अंदर मुख्य खोज बचाव का कार्य इंजीनियरों की टीम और श्रमिक ही कर रहे हैं। दरअसल सुरंग के अंदर काम करने का अनुभव श्रमिकों को अधिक है।
डाली जाएंगी स्टील पाइप, मजदूरों तक पहुंचने की है मुहिम
सिलक्यारा सुरंग के भूधंसाव से अवरुद्ध हिस्से में 900 एमएम व्यास के एमएस पाइप ऑगर ड्रिलिंग मशीन से डाले जाएंगे। ये पाइप करीब 40 मीटर हिस्से में डाले जाने हैं। भूस्खलन के दायरे के अनुसार इनकी लंबाई भी बढ़ सकती है। जिससे इन पाइपों के जरिये फंसे मजदूरों को निकालने के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग
सुरंग में फंसे मजदूरों को भेजा गया खाना
पाइप के जरिये ही श्रमिकों से उनका हालचाल जाना है। उन्हें दवाई के लिए भी पूछा है। लेकिन, श्रमिकों ने कहा कि वह सही है। इसलिए कोई दवाई नहीं भेजी गई। श्रमिकों ने खाना मांगा तो उन्हें चने आदि भेजे गए। जल्दी से जल्दी मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। मलबा हटाने का कार्य श्रमिक ही कर रहे हैं। श्रमिकों को सुरंग के अंदर काम करने का अच्छा अनुभव होता है। यहां पढ़ें पूरी खबर
फंसे श्रमिकों की आवाज सुनकर जगी उम्मीद
उत्तरकाशी। सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से पाइप और वॉकी-टॉकी से बात करने वाले झारखंड निवासी एवं नवयुव इंजीनियरिंग कंपनी के श्रमिक सुदीप मंडल ने कहा कि मैंने सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से पाइप के जरिये बात की है। फंसे श्रमिकों की आवाज सुनकर एक उम्मीद जगी है।
सुरंग के पास अस्थायी अस्पताल स्थापित
उत्तरकाशी। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला के निर्देश पर सुरंग के पास एक अस्थायी अस्पताल बनाया गया, जिसमें छह बेड का अस्पताल स्थापित किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरसीएस पंवार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से घटनास्थल पर छह बेड का अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया। मौके पर चौबीसों घंटे मेडिकल टीमों सहित 10 एम्बुलेंस को तैनात किया गया है।
पर्ची से भेजा जा रहा संदेश
उत्तरकाशी। टनल के अंदर यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है।
पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी और अब ठीक हादसे वाले स्थल के पास से इस पाइपलाइन को खोलकर मजदूर तक संदेशों का आदान-प्रदान किया गया है।
अंदर फंसे लोगों को कल रात तक निकालने की उम्मीद- एसपी अर्पण यदुवंशी
उत्तरकाशी। एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि फंसे मजदूरों का बचाव अभियान जारी है। सभी एजेंसियां और तकनीकी विशेषज्ञ घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। 60 मीटर मलबे में से 20 मीटर से ज्यादा मलबा हटा दिया गया है। हमें उम्मीद है कि कल रात तक अंदर फंसे 40 लोगों को निकाल लिया जाएगा। सुरंग में फंसे लोगों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। फंसे हुए लोगों के परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया गया है।
मजदूरों से ली गई अंदर मलबे की स्थिति की जानकारी- राज्य आपदा प्रबंधन सचिव
देहरादून। उत्तरकाशी टनल हादसे पर राज्य आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रेशर के चलते सुरंग का हिस्सा ढहा है। हमारी प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना है। हम अंदर फंसे लोगों को भोजन-पानी, ऑक्सीजन मुहैया करा रहे हैं। कल रात तक या बुधवार सुबह तक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरंग के अंदर फंसे लोगों से बातचीत हुई है उन्होंने कहा है कि वे सुरक्षित हैं और अंदर मलबे की क्या स्थिति है, अंदर की स्थिति क्या इसकी जानकारी उनके द्वारा दी गई है। देहरादून से तकनीकी टीम भी आई है।
राहत-बचाव के सभी संभावित विकल्पों पर हो रहा विचार- मुख्यमंत्री धामी
उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल में रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे शिफ्ट बदली करने के दौरान सुरंग में भूस्खलन हुआ। मुख्य द्वार से करीब 270 मीटर दूरी पर मलबा आने से सुरंग बंद हो गई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस राहत-बाचव में जुटे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया और कहा कि राहत-बचाव के सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व रेलमंत्री ने उत्तरकाशी हादसे को लेकर सीएम धामी से की बात
देहरादून। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रेलमंत्री ने भी इस संबंध में हमसे बात की है। प्रधानमंत्री ने बचाव और राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए प्रदेश सरकार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
एसडीआरएफ कमांडेंट ने की राहत-बचाव कार्य की समीक्षा
टनल के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित; पानी, भोजन, ऑक्सीजन व बिजली उपलब्ध- एनएचआईडीसीएल
उत्तरकाशी। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के अनुसार, सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के लिए पानी, भोजन, ऑक्सीजन और बिजली उपलब्ध है। सुरंग के अंदर खाने के छोटे-छोटे पैकेट भी डाल दिए गए हैं। टनल के अंदर सभी फंसे हुए श्रमिक सुरक्षित हैं।