उत्तरकाशी हादसे वाली जगह पर पहुंची वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन: सुंरग में तेजी से चल रहा अभियान

उत्तरकाशी। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। पिछले 13 दिनों से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का स्वास्थ्य ठीक है। लगातार पाइप के जरिए श्रमिकों को खाना पहुंचाया जा रहा है। आज 14वें दिन उम्मीद की जा रही है सभी मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे।

बाहर आए ऑगर ड्रिलिंग मशीन के क्षतिग्रस्त ब्लेड
उत्तरकाशी।
उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग से ऑगर ड्रिलिंग मशीन के क्षतिग्रस्त ब्लेड बाहर लाए गए।

बीआरओ की टीम पहुंचाएगी वर्टिकल ड्रिलिंग की मशीन
उत्तरकाशी। बीआरओ कर्मी वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीनों को पहाड़ी की चोटी तक शीघ्रता से पहुंचाएंगे। एसजेवीएन और ओएनजीसी की टीमें सिल्कयारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर पहुंच गई हैं। ड्रिलिंग मशीन आते ही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा।

हादसे वाली जगह पर पहुंची वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन
उत्तरकाशी। सिल्कयारा सुरंग हादसे में रेस्क्यू के लिए पहुंची वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन। इस हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए लगातार 14वें दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

होने जा रही है अहम बैठक, वर्टिकल ड्रिलिंग पर लिया जाएगा फैसला
उत्तरकाशी। खोज बचाव टीम से जुड़ी एजेंसियां अब वर्टिकल ड्रिलिंग पर विचार कर रही है। थोड़ी देर में मीटिंग साइट पर सबसे बड़ी बैठक होने वाली है। जिसमें वर्टिकल ड्रिलिंग शुरुआत करने का फैसला लिया जाएगा। ओएनजीसी, एसजीवीएनएल व बीआरओ अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी मे है।

अब वर्टिकल ड्रिलिंग किया जा रहा है विचार
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों का खोज बचाओ अभियान निरंतर चल रहा है। मलबे में बनाई गई एस्केप टनल में गेट शुक्रवार शाम को ऑगर मशीन के कलपुर्जे क्षतिग्रस्त हुए। सुरंग में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि अब वर्टिकल ड्रिलिंग पर विचार किया जा रहा है। संभवतः आज ही वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी। इसके लिए तैयारी भी की गई है। वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक बीआरओ सड़क बना चुका है।

टीम को है एक ब्रेकथ्रू का इंतजार
उत्तरकाशी। देश और विदेश के एक्सपर्ट को मिलाकर बनाई गई रेस्क्यू टीम को बस एक ब्रेकथ्रू का इंतजार है। यानी टनल में 6-6 मीटर के दो पाइप जैसे ही अंदर जाएंगे, रेस्क्यू टीम को एक बड़ा मौका मिल जाएगा और सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के बाहर आने का रास्ता खुल जाएगा।

एस्केप टनल मशीन में आया मेटल, रूकी ड्रिलिंग
उत्तरकाशी। सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान 14वें में प्रवेश कर गया। गत शुक्रवार की शाम को ऑगर मशीन का काम रोका गया। श्रमिकों को निकालने के लिए बनाई जा रही एस्केप टनल मशीन में मेटल आने के कारण राहत कार्य रोका गया। एस्केप टनल में आए मेटल को गैस कटर से काटा जा रहा है। अब मेनवली मलबा हटाने को लेकर विचार किया जा रहा है।

श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का अभियान देर रात तक जारी; मंजिल के और भी करीब पहुंच गया
श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का अभियान देर रात मंजिल के और करीब पहुंच गया है। पिछले कई दिन से सुरंग में कैद श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सिलक्यारा की तरफ से स्टील के पाइपों से लगभग 60 मीटर लंबी निकासी सुरंग बनाई जा रही है।

आस और उम्मीदों को मिल रही सांस
सिलक्यारा सुरंग में कई दिनों से कैद रहने वाले 41 श्रमिकों बाहर निकालने के प्रयास में शासन अपनाएगा नई रणनीती जिससे आस और उम्मीदों को सांस मिली है।

कुछ घंटों के भीतर अवरोध होंगे दूर
कुछ घंटों के भीतर अवरोधों को पार कर लिया जाएगा।, रात गहराने के साथ सरकारी मशीनरी की मुस्तैदी भी बढ़ती दिख रही। श्रमिकों की निकासी के लिए घटनास्थल पर एक्सपर्ट भी तैनात है

पल-पल नई चुनौतियों का करना पड़ रहा सामना
उत्तराखंड के सिलक्यारा में 13 दिन से फंसी 41 जिंदगियों को बाहर निकालने का अभियान पल-पल परीक्षा ले रहा है। पिछले तीन दिन से धीमा पड़ा बचाव अभियान जैसे ही गति पकड़ता है, वैसे ही दूसरी चुनौती सामने आ जाती है

सुंरग में तेजी से चल रहा अभियान
जारी है श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास, सुंरग में तेजी से चल रहा अभियान। जल्द मिल सकता है नया अपडेट

अभियान के बीच 5 मीटर तक कोई भारी वस्तु मौजूद नहीं
रेस्क्यू अभियान के बीच 5 मीटर तक कोई भारी वस्तु मौजूद नहीं है, जल्द आ सकती है बड़ी खबर, बचाव अभियान जारी…

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