देहरादून । उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89230.07 हज़ार करोड़ का आय-व्ययक (बजट) विधानसभा में पेश कर दिया। वित्त मंत्री की ओर से 4737.13 करोड़ का राजस्व सरप्लस बजट होने का दावा किया गया है, हालांकि राजकोषीय घाटा 9416.43 करोड़ होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की मौजूदगी में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपराह्न 12:30 बजे सदन में वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्तुत किया। इससे पूर्व राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड की जनता को नमन भी किया। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इसमें मातृशक्ति का उत्थान का विशेष ख्याल रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट राज्य के विकास के लिए है।वित्त मंत्री अग्रवाल ने कहा कि यह बजट एक ऐसी अवसंरचना का निर्माता है जो वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रख कर निर्मित होगा। सशक्त उत्तराखंड के लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से प्राप्त करने में सहायक होगा तथा सतत विकास के लक्ष्यों को तीव्रगति से प्राप्त किया जा सकेगा। हमारी मंजिल सशक्त उत्तराखंड है। ”अग्रणी उत्तराखंड ” हमारी सरकार का विकल्प रहित संकल्प है। देवभूमि की महान जनशक्ति की सामूहिक ऊर्जा से सशक्त उत्तराखंड के निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान पेश किए जा रहे हैं।वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल प्राप्तियां 88597.11 करोड़ अनुमानित हैं जिसमें 60552.90 करोड़ राजस्व प्राप्तियां और 28044.21 करोड़ पूंजीगत प्राप्तियां हैं। सदन में पेश आय-व्ययक के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व 36146.47 करोड़ है, जिसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 13637.15 करोड़ सम्मिलित है। राज्य के स्वयं के स्रोतों के कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति 27382.70 करोड़ में कर राजस्व 22509.32 करोड़ और करेत्तर राजस्व 4873.38 करोड़) अनुमानित है।स्वास्थ्य और शिक्षा पर कुल प्रावधान 15,376 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इनमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 1010 करोड़, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 500 करोड़, क्लास 1 से 8 तक विद्यार्थियों को निशुल्क जूता और बैग के लिए 25 करोड़ की राशि रखी गई है।मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह बजट अग्रणी उत्तराखंड की अवधारणा पर आधारित है। ”अग्रणी उत्तराखंड की हमारी अवधारणा परंपरा, प्रौद्योगिकी और आधुनिक अवसंरचना व प्रकृति के साथ तालमेल रखते हुए सभी प्रदेशवासियों का और सभी क्षेत्रों का विकास करना है। हमारा प्रयास गांव और शहर, पहाड़ और मैदान, स्त्री-पुरुष, युवा, बुजुर्ग, किसान और उद्यमी सबको बेहतरी के अवसर प्रदान करने का है। विकास का यह मॉडल इकोनॉमी, इकोलॉजी, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एवं एकाउंटबिलिटी पर आधारित है। यह पारदर्शिता और दक्षता, नागरिकों के लिए बेहतर जीवन, सुगमता और कारोबारी सुगमता को समर्पित बजट है।
व्यय अनुमान-वर्ष 2024-25 में ऋणों के प्रतिदान (अर्थोपाय अग्रिम सहित) पर 19136.53 करोड़, ब्याज की अदायगी के रूप में 6636.44 करोड़, राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों आदि पर लगभग 17184.89 करोड़, सहायता प्राप्त शिक्षण व अन्य संस्थाओं एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों के रूप में 1305.71 करोड़ और पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में 8145.50 करोड़ व्यय अनुमानित है।वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में बताया कि वर्ष 2024-25 में कुल व्यय 89230.07 करोड़ रुपये अनुमानित है। कुल अनुमानित व्यय में से 55815.77 करोड़ राजस्व लेखे का व्यय है और 33414.30 करोड़ रुपये पूंजी लेखे का व्यय है।
समेकित निधि में घाटा/सरप्लस-वर्ष 2024-25 के बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है बल्कि 4737.13 करोड़ का राजस्व सरप्लस सम्भावित है एवं 9416.43 करोड़ का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.38 प्रतिशत है। यह एफआरबीएम एक्ट में निर्दिष्ट सीमा के अन्तर्गत है। वित्त मंत्री के अनुसार वर्ष 2024-25 के अनुमानित प्रारम्भिक शेष 6.16 करोड़ धनात्मक और वर्ष का अन्तिम शेष 73.20 करोड़ धनात्मक रहना अनुमानित है।