उत्तराखंड ने विधानसभा ने इतिहास रच दिया

नई दिल्ली। उत्तराखंड ने बुधवार को इतिहास रच दिया और दो दिनों तक चली लंबी चर्चा के बाद समान नागरिक संहिता विधेयक (UCC) पारित हो गया। इसके पारित होते ही उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने संविधान निर्माताओं के समान नागरिक संहिता के लिए देखे गए स्वप्न को धरातल पर उतारने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाए।

संविधान के अनुच्छेद 44 में यूसीसी का जिक्र

बता दें कि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की बात संविधान के अनुच्छेद 44 में कही गई है। संविधान के निर्देशक सिद्धांत में कहा गया है ‘ राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास करेगा’। इसी के बाद जनसंघ और फिर भाजपा ने लगातार यूसीसी की जरूरत पर जोर देना जारी रखा। हालांकि, कांग्रेस सहित दूसरे राजनीतिक दल इसका विरोध करते रहे हैं।

  • 1962 में जनसंघ ने हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू उत्तराधिकार विधेयक वापस लेने की बात कही। इसके बाद जनसंघ ने उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए एक समान कानून की वकालत की।
  • 1971 में भी वादा दोहराया गया।
  • 1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राम मंदिर, समान नागरिक संहिता को अपने चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल किया।
  • 1991 के आम चुनाव में भाजपा ने समान नागरिक संहिता, राम मंदिर, अनुच्छेद 370 को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया।

उत्तराखंड की विधानसभा ने राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए लाए गए विधेयक को पारित कर दिया है। राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा।

Related Articles

Back to top button