US विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद से की मुलाकात, गाजा की जरूरतों पर किया चर्चा…

यरुशलम। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के पश्चिम एशिया दौरे से फलस्तीनियों को उम्मीद है कि इससे गाजा में युद्ध विराम के लिए रास्ता साफ होगा। ऐसे में गाजा का रफाह शरणार्थी क्षेत्र इजरायली सेना की कार्रवाई से बच जाएगा। वहीं, सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रियाद में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद से मुलाकात की और गाजा में मानवीय जरूरतों को संबोधित करने के महत्व को रेखांकित किया।

कई खाड़ी देशों का दौरा करेंगे ब्लिंकन
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि लाल सागर में तनाव को कम करने की तत्काल आवश्यकता पर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। ब्लिंकन 4-8 फरवरी तक सऊदी अरब , मिस्र, कतर, इजरायल और वेस्ट बैंक की यात्रा करेंगे। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से यह क्षेत्र की उनकी पांचवीं यात्रा है।

इजराइल को हमास के भीषण हमलों का जवाब देने का अधिकार: अमेरिका
बताते चलें कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को कहा कि इजराइल को हमास के भीषण हमलों का जवाब देने का अधिकार है । उन्होंने कहा कि अमेरिका ने गाजा पट्टी को अनलॉक करने और उसमें प्रवेश करने में मदद की है और उन्होंने कहा कि इसमें और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।

गाजा में पूर्ण विजय से कम के लिए कोई विकल्प नहीं: बेंजामिन नेतन्याहू
मिस्र की सीमा के नजदीक रफाह वह शहर है जहां गाजा के अन्य शहरों से करीब दस लाख लोगों को शरण लेने के लिए भेजा गया है। अब इजरायली सेना वहां पर हमास लड़ाकों के छिपे होने की बात कहकर जमीनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैनिकों से साफ कर दिया है कि गाजा में पूर्ण विजय से कम के लिए कोई विकल्प नहीं है। इसलिए वे पूर्ण विजय के लक्ष्य पर कार्य करें।

युद्ध विराम के लिए इजरायल को तैयार करने पर अमेरिका का जोर
ब्लिंकन की पहली खाड़ी देशों के बीच तनाव कम कर गाजा से इजरायली बंधकों की रिहाई की होगी जिससे वहां पर ज्यादा दिनों के युद्ध विराम के लिए इजरायल को तैयार किया जा सके। हमास गाजा में स्थायी युद्धविराम चाहता है, इसलिए वह 130 इजरायली बंधकों की रिहाई को लटकाए हुए है।

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