नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 11 वर्ष पहले चिराग दिल्ली में मणिपुर की युवती की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट ने युवती के चचेरे भाइयों की अर्जी स्वीकार करते हुए इस अनसुलझे केस की जांच सीबीआई को सौंपते हुए अपने आदेश में कहा कि अनसुलझे अपराध उन संस्थाओं पर से जनता का भरोसा कम कर देते हैं, जिन्हें कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थापित किया गया है। आपराधिक जांच निष्पक्ष और प्रभावी दोनों होनी चाहिए।
कोर्ट ने क्या कुछ कहा?
कोर्ट ने कहा कि जांच की निष्पक्षता पर वह कोई टिप्पणी नहीं कर रहा, लेकिन यह तथ्य कि यह अप्रभावी रही है, स्वयं स्पष्ट है। ये टिप्पणियां और आदेश न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका स्वीकार करते हुए दिए। दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को देने की मांग ठुकरा दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पांच फरवरी, 2019 को मामले की जांच की निगरानी के लिए एसआईटी गठित की थी।
एसआईटी ने 25 जुलाई, 2019 और 21 अक्टूबर, 2019 को दो स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की थीं, लेकिन पुलिस और फिर एसआईटी द्वारा की गई जांच में भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। एसआईटी ने भी जांच में यही कहा था कि लगता है कि युवती ने आत्महत्या की है, क्योंकि जैसा हत्या या हत्या के लिए उकसाने अथवा किसी तरह के अपराध के बारे में लगाए गए आरोपों का समर्थन करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है। इस मामले में युवती के परिजनों का आरोप है कि युवती से दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है।
‘मानववध का लगता है मामला’
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का नहीं लगता। क्राइम सीन से पता चलता है कि खून चारो तरफ फर्श पर फैला था और बेडशीट पूरी तरह खून से भीगी थी। यह मामला मानववध का लगता है और इसलिए दोषी अवश्य ही पकड़े जाने चाहिए। कोर्ट ने कहा,
युवती के रिश्तेदार जो दिल्ली से बहुत दूर रहते हैं उनकी उम्मीद अभी भी जिंदा है और उन्हें सिस्टम पर भरोसा है इसलिए याचिकाकर्ताओं का संदेह दूर करने और असली दोषियों को पकड़ने के लिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की जरूरत है।
कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपते हुए एसआईटी को आदेश किया है कि वह मामले से जुड़े सारे दस्तावेज सीबीआई को सौंप दे। सीबीआई से कहा है कि वह जल्दी से जल्दी जांच पूरी करने के बाद जांच रिपोर्ट या चार्जशीट संबंधित अदालत में दाखिल करेगी।
क्या है पूरा मामला?
केस के मुताबिक, 29 मई, 2013 को 25 वर्षीय युवती की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी उसकी लाश चिराग दिल्ली में किराए के घर में खून से लथपथ पाई गई थी। लड़की कॉल सेंटर में काम करती थी। शुरू में केस आत्महत्या का दर्ज किया गया था और बाद में उसमें हत्या की धारा जोड़ी गई थी। इस मामले में शक मकान मालिक और उसके साले पर किया गया था, लेकिन पुलिस जांच में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पाए गए। परिजनों ने केस की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी। उस समय दिल्ली में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।