केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गत पांच वर्ष में ब्रेथएनालाइजर टेस्ट में कुल 1761 लोको पायलट हुए फेल

नई दिल्ली। गत पांच वर्ष में ब्रेथएनालाइजर टेस्ट में कुल 1761 लोको पायलट फेल हुए। टेस्ट में फेल लोको पायलट को ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं दी गई और अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। ड्यूटी घंटों के दौरान अल्कोहल सेवन की रोकथाम के लिए रेलवे द्वारा नियमित रूप से ब्रेथएनालाइजर टेस्ट किए जाते हैं और इस अवधि में कुल मिलाकर 8.28 लाख टेस्ट किए गए।

उच्च सदन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में बताया कि टेस्ट में फेल 1761 लोको पायलटों में 674 यात्री लोको पायलट और 1087 मालगाड़ी लोको पायलट थे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि टेस्ट में उत्तरी रेलवे के सर्वाधिक और सबसे कम दक्षिणी रेलवे के लोको पायलट फेल हुए।

पीड़ितों के परिजनों को 51.37 करोड़ अनुग्रह राशि वितरित
रेलवे ने बालासोर ट्रेन हादसे के पीड़ितों के परिजनों को अनुग्रह और मुआवजा राशि के रूप में 51.37 करोड़ रुपये वितरित किए। बालासोर ट्रेन हादसे में 296 यात्रियों की मौत हो गई थी और 1200 से अधिक घायल हो गए थे। मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और गत सितंबर में सीबीआई ने गिरफ्तार रेलवे के तीन अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने राज्यसभा में सवाल के जवाब में दी।

रेल कुशल योजना के उम्मीदवारों को नौकरियों में प्राथमिकता नहीं
रेल कुशल विकास योजना के तहत गत नवंबर तक 26 हजार उम्मीदवारों को कुशल बनाया गया, लेकिन इन युवाओं को रेलवे की नौकरियों में प्राथमिकता नहीं मिलेगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसी व्यक्ति को कुशल बनाना है, जिससे वह नौकरी पा सके अथवा अपना उद्यम या स्टार्टअप शुरू कर सके।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने राज्यसभा सदस्य नारायण कोरगप्पा के सवाल के जवाब में बताया कि सितंबर 2021 में शुरू हुई योजना के तहत अब तक 26791 उम्मीदवार अपना प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके हैं। 24 पीएफ कंप्यूट कैपेसिटी लगाने के लिए खर्च किए 1218 करोड़ गत आठ वर्ष में सरकार ने राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत 24 पेटाफ्लाप (PF) कंप्यूट कैपिसटी लगाने के लिए 1218.14 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। देशभर के 20 शैक्षणिक संस्थानों, संगठनों और अनुसंधान व विकास (R&D) प्रयोगशालाओं में सिम्टम लगाए गए।

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में सवाल के लिखित जवाब में बताया कि पेटाफ्लाप स्तर की कंप्यूटिंग स्पीड प्रति सेकंड में क्वाड्रिलियन गणना कर सकती है। यह विशेष रूप से जलवायु निगरानी, दवा खोज, खगोल भौतिकी और अब एआइ प्रौद्योगिकियों के विकास और समर्थन के लिए बेहद आवश्यक है।

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