- ग्राम प्रधानों ने डीपीआरओ व खंड विकास अधिकारी को लिखित शिकायती पत्र सौंपकर तानाशाह सचिव को हटाने की मांग
- हितग्राहियों को एक ही काम के लिए बार-बार महीनों सचिव कटवा चक्कर
निष्पक्ष प्रतिदिन/बीकेटी,लखनऊ
राजधानी के बीकेटी की तीन ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सचिव का कार्यभार ग्रहण करने वाले पंचायत सचिव को मनमाने तरीके से काम करने के कारण तीनो ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान शिकायत करने जिला पंचायतराज अधिकारी व खंड विकास कार्यालय पहुंचे। और जिला पंचायतराज अधिकारी व खंड विकास अधिकारी पूजा सिंह को लिखित शिकायती पत्र देकर सचिव के मनमाने रवैये से उन्हे अवगत कराते हुए।उक्त सचिव को हटाकर दूसरे सचिव की तैनाती की मांग की ।सचिव के मनमाने रवैये से परेशान प्रधानों ने बताया कि सचिव बहुत कम समय के लिए कभी – कभी ग्राम पंचायत में आते हैं । कोई काम लेकर जाने पर वह आनाकानी करने के साथ ही हितग्राहियों को बार – बार एक ही काम के लिए महीनों चक्कर कटवाते हैं।
मामला विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत टिकरी, सुभान नगर अरिगवां व मोहम्मदपुर गढ़ी का है ।जहां ग्राम पंचायत के सचिव आनंद चतुर्वेदी से ग्रामीण परेशान हो चुके हैं , जिसको लेकर तीनों ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों मनोज कुमार, उमेश कुमार व रंजीत कुमार ने खंड विकास अधिकारी को लिखित शिकायती पत्र दिया है , लेकिन आज तक इस पर कार्रवाई नहीं हुई।टिकरी ग्राम पंचायत के प्रधान मनोज कुमार, ग्राम पंचायत सुभान नगर अरिगवां के प्रधान उमेश कुमार व ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर गढ़ी के प्रधान रंजीत कुमार ने बताया कि मेरी ग्राम पंचायत में करीब दो माह पूर्व में पंचायत सचिव पूजा कुमारी को हटाकर आनन्द चतुर्वेदी की नियुक्ति की गई है। जिनका व्यवहार ग्राम पंचायत की जनता के साथ संतोषजनक नही है। ग्राम पंचायत की जनता के काम जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र , जन्म प्रमाण पत्र , परिवार रजिस्टर की नकल जारी करने को लेकर जान बूझकर महीनों चक्कर कटवाये जाते हैं। और नकल को समय से नही दिया जाता है और ग्राम पंचायत के किसी कार्य में रूचि नही ली जाती है। जिसके कारण मेरे द्वारा शासन की जमीन स्तर की योजनाओं को ग्राम पंचायत में लागू करने में कठिनाई उत्पन्न होती है और न तो किसी दिन ग्राम पंचायत में समय से आते है ।तीनों ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने जिला पंचायतराज अधिकारी व खंड विकास अधिकारी को सौंपे शिकायती पत्र में मांग की है कि प्रशासन के द्वारा पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से नहीं हटाया गया तो आंदोलन करेंगे। पंचायत सचिव के तानाशाह रवैये के कारण पंचायत में होने वाले विकास कार्य भी रुके हुए हैं । इसके कारण ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।