बाराबंकी , 14 फरवरी। जनपद में सर्वजन दवा सेवन(आईडीए) अभियान के अंतर्गत जिले के आला अधिकारियों को दवा का सेवन करवाया गया। मंगलवार को कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी की टीम द्वारा जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर कार्यालय में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दवा का सेवन कराया गया। इसी क्रम में कार्यालय मुख्य विकास अधिकारी में मुख्य विकास अधिकारी अ.सूदन , DSO और परियोजना निदेशक मनीष कुमार को दवा का सेवन कराया गया।
अभियान का शुभारंभ जनपद के 16 ब्लाकों में शुरू किया गया है।
इस मौके पर अधिकारियों ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने साल 2027 तक देश से फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है | फाइलेरिया संक्रामक बीमारी है, इसलिए जब सभी लोग फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करेंगे तभी इस बीमारी का उन्मूलन हो पाएगा | इसलिए जब भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता फाइलेरिया दवा खिलाने आएं तो जरूर खाएं | यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं |
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि आईडीए अभियान के तहत तीन दवाएं आइवरमेक्टिन, डाईइथाईल कार्बामजीन(डीईसी) और एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी | आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है | यह दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है | स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करें और फाइलेरियारोधी दवा का सेवन जरूर करें |
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. डी के श्रीवास्तव ने बताया कि यह दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उच्च गुणवत्ता की हैं | इन दवाओं के सेवन का प्रतिकूल प्रभाव उन व्यक्तियों में दिखाई देता है जिनमें फाइलेरिया के परजीवी होते हैं | जब ऐसे व्यक्ति फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करते हैं तो फाइलेरिया परीजीवियों के मरने के कारण उन्हें उल्टी आना, चक्कर आने, जी मिलाना, शरीर में चकत्ते पड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं | यह समस्याएं स्वतः ही ठीक हो जाती हैं परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी और राष्ट्रीय बाल् स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के.) टीम को उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बुलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आईडीए अभियान के तहत लगभग 38 लाख 87 हजार 188 जनसंख्या को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है | जिसके लिए 3067. टीम बनाई गई हैं | एक दिनu में एक टीम कम से कम 25 घरों का भ्रमण कर लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराएगी | इन टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 511 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं |