यूपी एटीएस: दोनों आतंकियों के मनसूबे हुए नाकाम , कैमिकल अटैक की कर रहे थे प्लानिंग….

यूपी एटीएस ने आतंकी संगठन आईएसआईएस के दो आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारीक को गिरफ्तार किया था. इन दोनों की गिरफ्तारी अलीगढ़ जनपद से हुई थी. इनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में गहरी साजिश का खुलासा हुआ है. जिसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए कुछ और छात्र भी एटीएस की रडार पर आ गए हैं. एटीएस को जांच में यह भी पता चला है कि आईएस का पुणे मॉड्यूल यूपी के 6 जिलों में अपनी जड़ें जमा रहा था और इस मॉड्यूल के सदस्य अलीगढ़ के अलावा संभल, प्रयागराज, लखनऊ, रामपुर, कौशांबी जैसे जिलों में सक्रिय हैं.

यूपी एटीएस के मुताबिक यह मॉड्यूल देश में बड़ी वारदात जैसे कैमिकल अटेक को अंजाम देने के लिए असलहा और गोला बारूद भी एकत्र कर रहा था. इनका मंसूबा था कि देश में शरिया कानून को स्थापित किया जाए. इसके लिए उनका पूरा संगठन अलग-अलग जगह से घातक असलहे और केमिकल बम बनाने के लिए अलग-अलग उपकरण जुटा रहा था.

केमिकल बम से दहलाने की साजिश

इस संगठन से जुड़े हुए लोग अलग-अलग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से भारत सरकार के खिलाफ तमाम नफरत का सामान पोस्ट करते थे. जिससे देश में वैमनस्यता फैल सके. ये आतंकी देश में केमिकल अटैक करना चाहते थे.

अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से जुड़ा कनेक्शन

यूपी एटीएस की जांच में कुछ और तथ्य निकल के सामने आए हैं कि आईएस के पुणे मॉड्यूल के आतंकी रहे शाहनवाज और रिजवान अली का इन दोनों से काफी गहरा संपर्क है. प्रयागराज का रिजवान अशरफ स्टूडेंट ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी संगठन के माध्यम से इन सभी से जुड़ा है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार शाहनवाज और रिजवान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कई छात्रों और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर आईएस के लिए काम कर रहे हैं.

यूपी एटीएस जानकारी में यह भी पता चला है कि रिजवान ने कई लोगों को आईएस की शपथ दिलाई थी. इसके साथ ही कई छात्रों को भी आईएस से जोड़ने के लिए यह लोग लगातार प्रोत्साहित करते थे. ये सभी सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए गोपनीय तरीके से एक दूसरे से संपर्क करते थे. एटीएस फिलहाल अलग-अलग जगह पर छापेमारी कर रही है.

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