जैदपुर बाराबंकी। जैदपुर कस्बे की जर्जर मार्किट को पुलिस ने अपना सर्वे करने के बाद जनहित के लिए बुलडोजर से गिरवा दिया था। मार्किट में कुल चार दुकान थी। जिसमें काबिज एक दुकानदार और मार्किट मालिक के बीच में लंबे समय से जिला न्यायालय में केस चल रहा था। मार्किट गिरने के बाद काबिज़ दुकानदार हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी थी। हाईकोर्ट के आदेश पर एसपी ने ज़ैदपुर कोतवाल,कस्बा इंचार्ज सहित दो हेडकांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है। इंस्पेक्टर व कस्बा इंचार्ज सहित चार पुलिस कर्मियों को एक साथ लाइन हाज़िर होने का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग के साथ अन्य लोग समझ नही पा रहे थे कि ऐसा अचानक क्या हुआ जो लाइन हाजिर कर दिया है।
ज़ैदपुर कस्बे के मोहल्ला नानपाजन बाज़ार में 50 साल से अधिक वर्षों से चार दुकान और ऊपर मकान की बनी मार्किट मोहल्ला बड़ापुरा निवासी स्व फजलुर्रहमान की बनी हुई थी। जो पिछले काफी सालों से पूरी तरफ से जर्जर हो गई थी। मार्किट जर्जर होने से आसपास के दुकानदारों में काफी डर बना रहता था। सितंबर माह में कस्बे में आई बाढ़ के बाद कस्बा इंचार्ज सतीश कुमार दीक्षित ने सितंबर माह में जर्जर भवनों का सर्वे किया था। तभी इस मार्किट को भी जर्जर दिखाया था। एक माह बाद 14 अक्टूबर को ज़ैदपुर पुलिस ने राजस्व विभाग के लेखपाल की जानकारी के बगैर बुलडोजर से पूरी मार्किट को ही ध्वस्त करा दिया था। जिसमें कुल चार दुकानें बनी हुई थी। लेकिन जजील अहमद पुत्र स्व अब्दुल कुद्दुश मोहल्ला नरयापार निवासी गमछा लुंगी की दुकान लंबे समय रखे हुए थे। जिनका केस जिला न्यायालय में पहले से फजलुर्रहमान के परिवार के सदस्यों से चल रहा था। लेकिन पुलिस द्वारा मार्किट ध्वस्त कराने के बाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने थाना प्रभारी अनिल कुमार पांडेय,कस्बा इंचार्ज सतीश कुमार दीक्षित,हेडकांस्टेबल जितेंद्र कुमार राय,प्रमोद कुमार गुप्ता को लाइन हाजिर कर दिया है। एक साथ इंस्पेक्टर,कस्बा इंचार्ज सहित दो सिपाहियों के लाइन हाजिर होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। जबकि हल्का लेखपाल पंकज कुमार मिश्रा ने बताया कि राजस्व विभाग से कोई जानकारी नही ली गई है। और न मार्किट ध्वस्त करण में बुलाया गया है।