नई दिल्ली। फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाले तुषार कपूर ने कम लेकिन कुछ दमदार किरदार कर लोगों के दिलों में अपने लिए अलग जगह बनाई है। वह गुजरे जमाने के मशहूर एक्टर जीतेंद्र कपूर के बेटे हैं। इतना नामी स्टारकिड होने के बावजूद उनके हिस्से में पिता जैसी कामयाबी नहीं आई, लेकिन तुषार ने बिना हार माने बॉलीवुड में कुछ ऐसे रोल किए, जिसमें उनके अलावा किसी और को सोचना भी नामुमकिन है।
वहीं, तुषार की पहचान इससे भी ऊपर है। उन्होंने इन सबसे अलग उन्होंने ग्लैमर की दुनिया में और इससे अलग भी कुछ ऐसे फैसले लिए, जो उनके हुनरमंद और साहसी होने का सबूत देता है। आज एक्टर का 47वां जन्मदिन है। इस मौके पर उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में जानेंगे।
करीना के साथ की थी पहली फिल्म
20 नवंबर, 2976 को नामी फिल्मी फैमिली में जन्म तुषार कपूर ने ‘मुझे कुछ कहना है’ फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था। ये तेलुगु मूवी ‘थोली प्रेमा’ का रीमेक फिल्म है। पहली मूवी के लिए तुषार को बेस्ट मेल एक्टर डेब्यू का अवॉर्ड मिला था। लेकिन उन्हें पहचान मिलना अब भी बाकी थी। करीना कपूर के ऑपोजिट इस मूवी में उन्होंने स्वीट और सिंपल लवर ब्वॉय का रोल प्ले किया था। इसके बाद उन्होंने ‘क्या दिल ने कहा’, ‘ये दिल’, ‘जीना सिर्फ मेरे लिए’ जैसी कुछ फिल्मों में काम किया।
बिना शादी के बने पिता
फिल्मी दुनिया में सिंगल पैरेंट्स तो बहुत हैं, लेकिन बिना शादी के पिता बनकर तुषार कपूर ने सबको हैरत में डाल दिया था। 1 जून, 2016 को सरोगेसी के जरिये तुषार एक बेटे के पिता बने, जिसका नाम उन्होंने लक्ष्य रखा है।
तुषार कपूर की अन्य रोचक बातें
तुषार कपूर ने बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से पढ़ाई की है। वह अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक के क्लासमेट रहे हैं।
स्कूली शिक्षा के बाद तुषार ने स्टेफन एम रॉज कॉलेज से बीबीए की डिग्री हासिल की। तुषार का पूरा नाम तुषार रवि कपूर है। उनका निकनेम तुष्की है।
तुषार कपूर के बारे में एक और बात चर्चित है। वह यह कि उन्हें छिपकली से डर लगता है।
एक्टर बनने से पहले तुषार ने डेविड धवन के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया।
उनका खुद का प्रोडक्शन हाउस- तुषार एंटरटेनमेंट है।
किताब में बयां की है अपनी फादरहुड जर्नी
तुषार कपूर ने ‘बैचलर डैड’ नाम की बुक लिखी है। इस किताब में उन्होंने सिंगल फादर होने के फैसले से लेकर इस फैसले पर उठने वाले सवाल तक के बारे में सबकुछ बताया है। तुषार ने करीब 11 महीने तक इस बुक पर काम किया।
गोलमाल’ ने पलटी किस्मत
जीतेंद्र का बेटा होने की वजह से तुषार हमेशा कपूर खानदान का चिराग होने की वजह से चर्चा में रहे, लेकिन फिल्मों में उन्हें पहचान लंबे वक्त के बाद ‘गोलमाल’ में गूंगा बनकर मिली। साल 2006 में रिलीज हुई इस मूवी ने रातोंरात तुषार कपूर को लाइमलाइट में ला दिया था। तुषार ने गूंगे के तौर पर इतनी शानदार एक्टिंग की कि दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ पाने में कामयाब रहे। उन्होंने इस किरदार के लहजे को इतनी बारिकी से प्ले किया कि फिल्म के बाकी कलाकारों में से ये एक किरदार सबसे ज्यादा दर्शकों के मन में अमिट छाप छोड़ पाने में कामयाब रहा।
इन फिल्मों में भी किया शानदार काम
इसके बाद उन्होंने ‘गोलमाल 2’, ‘खाकी’ और ‘शूट आउट एट वडाला’ जैसी मल्टीस्टारर फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय की छाप छोड़ी। लेकिन गोलमाल के ‘लकी’ के बराबर उनका कोई और कैरेक्टर न आ सका। फैंस आज भी उन्हें इस रोल के लिए याद करते हैं।