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धनबाद। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के नए इमरजेंसी वार्ड (कैथ लैब) में भारी अव्यवस्था के बीच मरीजों का इलाज हो रहा है। पिछले 16 अक्टूबर को शुरू किए गए नए इमरजेंसी में जरूरी दवा भी नहीं है। इमरजेंसी में 56 तरह की जगह मात्र चार प्रकार की दवा ही है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को नीडल और कॉटन भी लाने को कहा जा रहा है। टिटनेस के लिए भी अलग से सुई इमरजेंसी में नहीं है। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों से आने वाले गरीब मरीजों को हो रही है।
100 बेड भी नहीं शुरू कर पाया अस्पताल प्रबंधन
इमरजेंसी में फिलहाल 60 बेड पर मरीजों का इलाज हो रहा है। इससे पहले प्रबंधन ने दावा किया था कि इमरजेंसी में 100 बेड मरीज के लिए तैयार किए गए हैं।
पिछले तीन दिनों (30 अक्टूबर से 1 नवंबर) में चार मरीजों की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन बेड की संख्या बढ़ाने में जुटा है।
कोरोना संक्रमण काल में यहां डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर था। यहां पर 300 बेड लगाए गए थे। लेकिन अब यहां इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है। लेकिन इमरजेंसी वार्ड के लिए मात्र 60 बेड ही तैयार हो पाए हैं।
दवा लाने पर ही हो रहा मरीज का इलाज
झरिया से 65 वर्षीय परमेश्वर प्रसाद को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। उन्हें सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी में आने के बाद डॉक्टरों ने बाहर से दवा लाने के लिए पर्ची लिख दी।
बताया गया जब तक दवा नहीं मिल पाएगी इलाज नहीं शुरू होगा। लगभग ₹600 की दवा लाने के बाद इलाज शुरू हुआ। परमेश्वर के घर वालों का कहना है, वे काफी गरीब है ऐसे में इलाज के लिए दवा के पैसे भी नहीं। यही स्थिति यहां आने वाले दूसरे मरीजों के साथ भी हो रहा है।