फरीदपुर (बरेली)। ग्राम निर्धनता न्यूनीकरण योजना (वीपीआरपी) को ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के साथ एकीकृत किया जाए जिससे सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकें। उक्त विचार प्रधान संघ के अध्यक्ष ओमवीर गुर्जर ने व्यक्त किए। राज्य प्रशिक्षक बरिष्ठ समाजसेवी अमित कुमार सिंह तोमर ने विकास खंड फरीदपुर के सभागार में ग्राम प्रधानों और स्वयं सहायता समूहों के दो दिवसीय अनावासीय पीआरआई एवं एसएचजी कन्वर्जेंस प्रशिक्षण के द्वितीय बैच में समापन पर कहा कि स्वयं सहायता समूह नेटवर्क अंतिम छोर तक पहुंचने एवं समाज के सबसे कमजोर वर्गों की मांगों को जिस योजना के माध्यम से रखने का अवसर प्रदान करता है वह योजना वीपीआरपी कहलाती है। इस योजना का मूल उद्देश्य है वीपीआरपी को ग्राम पंचायत द्वारा तैयार जीपीडीपी के साथ एकीकृत किया जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मांगे पूरी हों और सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों को लाभान्वित किया जा सके। श्री तोमर ने आर्थिक सुधार हेतु ग्राम निर्धनता न्यूनीकरण योजना का महत्व एवं तैयार किए जाने की प्रक्रिया को पीपीटी, चर्चा, समूह कार्य के साथ साथ प्रस्तुतीकरण के द्वारा भी समझाया और कहा सामाजिक विकास योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें वी ओ के सदस्य। द्वितीय दिवस में ग्राम संगठन, कलस्टर लेवल फेडरेशन के कार्य, दायित्व और चुनौतियों पर चर्चा हुई। आर्थिक सुधार हेतु ग्राम निर्धनता न्यूनीकरण योजना वीपीआरपी के महत्व एवं तैयार किए जाने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई। समूह कार्य एवं प्रस्तुतीकरण द्वारा जीपीडीपी एवं वीपीआरपी का एकीकरण पर चर्चा कर कार्य योजना निर्माण में पंचायती राज एवं स्वयं सहायता समूह की भूमिका, समय प्रबंधन और उनकी चुनौतियां पर समूह कार्य द्वारा प्रस्तुतीकरण कराया गया। पीआरआई और एसएचजी के सहयोग से आए अर्जन एवं आर्थिक सुधार की कार्य योजना पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण संबंधी विभिन्न विषयों पर सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया। समापन अवसर पर मुख्य प्रशिक्षक सोनल तोमर, प्रधान पुष्पेंद्र पाल, महिपाल, अशोक कुमार सिंह, सुदामा तोमर, समूह सखी दीपिका यादव, उषा, संतोष कुमारी, अर्चना कुमारी, सरस्वती देवी, रेखा, सोनम राठौर, मनु यादव, एडीओ पंचायत, एडीओ आईएसबी ने भी अपने विचार रखें। उपनिदेशक पंचायत श्री महेंद्र सिंह के दिशा निर्देशन में फरीदपुर और भुता में द्वितीय बैच का सफलतापूर्वक समापन हुआ।