हमीरपुर : शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम मनोज कुमार शासन की अदालत ने दहेज की मांग पूरी न होने पर गर्भती महिला को जलाकर मारने वाले आरोपित पति को दस वर्ष की कठोर सजा सुनाई है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार तिवारी व रामबाबू अवस्थी ने बताया कि मृतका के भाई विजय सिंह द्वारा थाना मुस्करा में तहरीर देकर बताया गया था कि उसने अपनी बहन कुसुम सिंह का विवाह थाना मुस्करा के मसगांव गांव निवासी नरसिंह पुत्र विजय बहादुर सिंह के साथ 26 जून 2011 को आनंद बिहार कानपुर स्थित मां पार्वती गेस्ट हाउस नौबस्ता से किया था और सामर्थ्य अनुसार दान दहेज दिया था। शादी में दिए गए दान दहेज से ससुराली संतुष्ट नहीं थे।
बहन को चौथी में विदा कराकर जब वह घर आया तब बहन ने बताया था कि उसकी ससुराल में उसकी सास, ननद, पति नरसिंह व उसके चारों भाई धर्मेंद्र सिंह उर्फ धर्म सिंह, भूपेंद्र सिंह, नीतू सिंह, सोनू सिंह दहेज से संतुष्ट नहीं और अतिरिक्त दहेज में मोटर साइकिल व पचास हजार रुपये नकद की मांग कर रहे हैं। चौथी के बाद बहन ससुराल चली गई। जहां बहन ने बताया कि नरसिंह, सास, ननद रश्मि, नरसिंह के सारे भाई उसे दहेज को लेकर मारते पीटते हैं।26 नवंबर 2012 को शाम उसकी बहन कुसुम को पति नरसिंह, सास तुलसा, ससुर विजय बहादुर, जेठ धर्मेंद्र व भूपेंद्र, देवर नीतू सिंह व सोनू सिंह व जेठानी तथा नंद रश्मि ने मिलकर आग लगा दी। जिससे वह झुलस गई और 30 नवंबर 2012 को इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। उसके पेट में तीन माह का गर्भ भी था। पुलिस ने विवेचना के बाद पति के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। जिसकी शनिवार को सुनवाई करते हुए पति नरसिंह के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम मनोज कुमार शासन ने आरोपित पति को दस वर्ष की कठोर कारावास व छह हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।