दान करना पुण्य का काम होता हैं, आइये जाने दान करने का सही तरीका…

व्यवहारिक और खुशहाल जीवन जीने के लिए चाणक्य नीति को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस ग्रंथ में एक व्यक्ति के जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने के लिए कई उपयोगी सुझाव दिये गये हैं। आचार्य चाणक्य ने इस ग्रंथ में अपने अनुभवों के आधार पर सुखी जीवन की परिकल्पना करते हुए जो सुझाव दिए हैं वहीं चाणक्य नीति कहे जाते हैं। चाणक्य नीति में दान आदि को लेकर भी कई सुझाव दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि दान पुण्य करना धर्म का सबसे बड़ा कार्य होता है। दान करने से व्यक्ति नेकी के रास्ते पर चलता है और इससे धार्मिक और नैतिक मूल्य बने रहते हैं।

चाणक्यनीति में दान को कहा गया है बेहतर
आचार्य चाणक्य ने दान उच्च कर्म और अच्छे कार्य में शामिल किया है। चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति जीवन में नियमित दान करता है, उसके घर में कभी तंगहाली और कंगाली नहीं आती। इंसान को अपने धर्म के अनुसार सच्चे मन से दिल खोलकर दान पुण्य करना चाहिए। धर्म के मामले में दान करने में कंजूसी नहीं करनी चाहिए।

मदद करने वाला समाज में पाता है सम्मान
चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान मंदिर या अन्य धार्मिक संस्थानों में दान करता है, उसके घर में कभी भी पैसों की तंगी नहीं रहती है। ऐसा व्यक्ति घर परिवार के मामले में खुशहाल होता है और उसके घर में सदैव शांति का वास रहता है। व्यक्ति को कभी भी गरीब, बेसहारा और जरूरतमंदों की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि वो ही व्यक्ति धार्मिक और सामाजिक तौर पर सही माना जाता है जो जरूरतमंदों की मदद करता है औऱ उनकी जरूरत के समय आगे आता है।

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