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उत्तराखंड। दिल्ली-यमुनोत्री मोटर मार्ग पर बाड़वाला से हरबर्टपुर तक कई पेड़ और उनकी टहनियां खतरा बने हुए हैं। हरबर्टपुर से थोड़ा पहले सड़क किनारे स्थित पेड़ दुर्घटना का कारण बना हुआ है। साथ ही सूखे पेड़ भी गिरासू हालत में हैं। जिन्हें काटने की जहमत वन विभाग नहीं उठा रहा है।
बता दें कि एक मार्च 2022 की सुबह दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर जलालिया बैरियर के पास स्थित पेड़ की टहनी स्कूल बस का शीशा तोड़ती हुए अंदर आ गई। जिसमें कक्षा चार की छात्रा सृष्टि चौहान की मौत हो गई थी, जबकि छात्र नीतिश, चालक गोपाल घायल हो गए थे।
दरअसल, दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे किनारे बाड़वाला से हरबर्टपुर तक करीब दो दर्जन पेड़ ऐसे हैं, जिसमें से कुछ सूख चुके हैं और कुछ पेड़ों की टहनियां सड़क के बीचों-बीच तक आई हुई है। जिससे ट्रक, बस, डंपर चालक को हमेशा खतरा बना रहता है।
कई बार वाहनों के ऊपर गिर जाते हैं पेड़
क्षेत्रवासी रामनाथ, गुरप्रीत, शुभम, अरविंद शर्मा, केके गौतम का कहना है कि कई बार पेड़ वाहनों के ऊपर गिरकर हादसे का कारण बनते हैं। हाईवे के अलावा मेहूंवाला बरोटीवाला मार्ग पर भी कई पेड़ खतरनाक स्थिति में है। कुछ वर्ष पहले बाइक के ऊपर आम का पेड़ गिरने से चालक की मौत हो गई थी।
उधर, दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के अवर अभियंता स्वतंत्र कुमार ने बताया कि कई जगह पर सड़क किनारे ऐसे पेड़ हैं, जिनकी टहनियां सड़क के बीच तक आ रही है। हादसे के खतरे को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस तरह के पेड़ों की टहनियां काटने का आग्रह किया जाएगा।