ग्रामीणों को संचारी रोग से बचाव के दिए गए टिप्स

संचारी रोगों से बचाव हेतु जिले के विभिन्न विकास खंडों में आयोजित की गई किसान गोष्ठी

बलिया। जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान का तीसरा चरण 3 से 31 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है। जिसमें सभी विभागों के कर्मचारी पूरी शिद्दत से मेहनत कर रहे हैं। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी तथा शासन स्तर पर मुख्यमंत्री द्वारा इसकी निगरानी प्राथमिकता से की जा रही है।

इसीक्रम में जनपद के विभिन्न विकास खंड में कृषि विभाग द्वारा किसान गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। विकास खण्ड दुबहर के कुंवर जासाव, रुस्तमपुर, सहोदर गांव में कृषि विभाग के सहायक विकास अधिकारी (कृषि रक्षा) संतोष पांडेय, कृषि रक्षा पर्यवेक्षक हरेंद्र मौर्य द्वारा संचारी रोगों से बचाव हेतु जागरूकता फैलाने के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मच्छर और चूहों से फैलने वाली बीमारी जैसे मलेरिया, फाइलेरिया, स्क्रब टायफस, लेप्टो स्पायोरिसिस, उनसे बचाव और नियंत्रण के बारे में विस्तार रूप से जानकारी दी गयी। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि इन रोगों को पनपने से रोकने के लिए नालियों में जल जमाव न होने दें, कूलर में हमेशा पानी बदलते रहे और घर की छतों पर रखे। ऐसे व्यर्थ सामान जिनमें पानी एकत्र हो सकता है उनको हटा दें। आस पास और घर के गमलों में मच्छर रोधी पौधे जैसे लेमन ग्रास लगाएं। चूहा, छुछुंदर से फैलने वाली बीमारियों में स्क्रब टाइफ़स और लेप्टोस्पिरोसिस शामिल हैं। स्क्रब टाइफ़स का जनक चूहों में पलने वाले पिस्सू हैं तथा लेप्टोस्पायरोसिस चूहों के मल मूत्र में पाये जाने वाले एक बैक्टीरिया से होता है। इनसे बचाव ही इनका मुख्य इलाज है। घरो को साफ व चूहा मुक्त रखें। खाद्य पदार्थों को हमेशा साफ पानी से धोकर खाए।

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