नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच एक बार तल्खियां बढ़ गई हैं। इसकी एक बढ़ी वजह बीती रात जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर ईरान समर्थित समूहों द्वारा किया गया ड्रोन हमला है। इस हमले में अमेरिका के तीन सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जॉर्डन में हुए हमले का बदला लेने की बात कही है।
कब हुआ हमला?
- ईरान समर्थित समूह ने जॉर्डन में स्थित अमेरिकी मिलिट्री बेस पर रविवार रात ड्रोन से हमला किया था।
- इस ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई, जबकि कई सैनिक घायल हो गए।
- अमेरिकी मिलिट्री बेस ‘टॉवर 22’ को निशाना बनाया गया था।
- ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों के एक संगठन इस्लामिक रेजिस्टेंस इन इराक ने जॉर्डन-सीरिया सीमा पर तीन ठिकानों पर हमले का दावा किया।
सैनिकों की मौत का बदला लेगा अमेरिका
अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमले से अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान समर्थित समूह को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। अमेरिकी सैनिकों की मौत के लिए बाइडन ने ईरान समर्थित मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि बीती रात हमारे लिए मुश्किल थी। हमने अपने एक मिलिट्री बेस पर हुए हमले में तीन बहादुर सैनिकों को खो दिया। अमेरिका इस हमले का जवाब देगा।
ईरान ने दिया ये जवाब
हालांकि, ईरान ने अमेरिकी मिलिट्री बेस पर हुए हमले में अपनी भूमिका से इनकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने एक बयान में कहा कि तेहरान इस हमले में शामिल नहीं था। हमारा इस हमले से कोई संबंध नहीं है। इस क्षेत्र में अमेरिकी बलों और प्रतिरोध समूहों के बीच संघर्ष है, जो जवाबी हमलों का जवाब देते हैं।
ईरान समर्थित समूहों ने 150 बार किया हमला
इजरायल-हमास के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद यह पहली बार है कि जब किसी हमले में अमेरिकी सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस हमले से मध्य पूर्व में व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका बढ़ सकती है क्योंकि इजरायल-हमास युद्ध के शुरू होने के बाद से इराक और सीरिया में ईरान समर्थित समूहों द्वारा 150 से अधिक बार अमेरिकी सुरक्षा बलों पर हमला किया गया है। हालांकि, रविवार को हुए हमले से अमेरिका तिलमिला गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान से आशंका जताई जा रही है कि अब अमेरिका इस हमले का तेजी से जवाब देगा।
कैसे हैं अमेरिका और ईरान के रिश्ते?
- अमेरिका और ईरान के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। पिछले कई सालों से अमेरिका और ईरान के संबंधों में खटास देखने को मिली है।
- इजरायल-हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद भी दोनों देशों के बीच बयानबाजी हुई थी।
- ईरान ने जब हमास के समर्थन का एलान किया था तो अमेरिकी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। अमेरिका ने ईरान से इस विवाद से दूर रहने को कहा था।