सहारनपुर में पटाखा फैक्ट्री की लापरवाही से घाड़ क्षेत्र के सतपुरा और खुशहालीपुर गांव में चार बच्चों की जान पर बन आई। यहां पटाखा फैक्ट्री का वेस्ट खुले में फेंक दिया गया। इस वेस्ट में आग लग गई। पटाखों के इस वेस्ट के इस ढेर के पास से गुजर रहे चार स्कूली बच्चे झुलस गए। इनमें तीन सगे भाई बहन हैं। बताया जा रहा है कि ये चारों बच्चे गांव के पास ही भरने वाले मेले में गए थे। मेले से लौटते वक्त बच्चों ने पटाखों के वेस्ट का ढेर देखा। यही ढेर उनकी जान पर बन आया।
पटाखा फैक्ट्री ने इस घातक वेस्ट को खुले में ही फेंक दिया। यही लापरवाही इन मासूमों की जान पर बन आई। गांव वालों का कहना है कि इस फैक्ट्री में पहले भी इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं। गांव वालों के अनसुार जिन परिवारों के बच्चे इस दुर्घटना में जले हैं वो बेहद गरीब परिवार हैं। एक बच्चे की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। इस दुर्घटना में खुशीपुर के रहने वाले विनय सिंह के तीन बच्चे झुलसे हैं। इनमें सबसे बड़ा 13 वर्षीय आशीष है। दूसरा 11 वर्षीय मधु है और तीसरा आठ वर्षीय विकास है। इनके अलावा इसी गांव के रहने वाले राजेंद्र की 12 वर्षीय बेटी रितु भी काफी झुलस गई है।
छह दिन पहले भी हो चुका हाद्सा
गांव वालों के अनुसार इसी जगह पर छह दिन पहले भी एक हाद्सा हुआ था। छह दिन पूर्व हुए हादसे में सतपुरा निवासी मुस्तफा पुत्र मुस्ताक गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसका भी इलाज चल रहा है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि उनके पास कोई सहायता नहीं पहुंची है। बच्चों की हालत काफी खराब है।
पैनल ऑफ एक्सपर्ट को दी गई जांच
चीफ फायर ऑफिसर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसडीएम के निर्देशन में जांच टीम गठित की गई है। टीम की जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद ही दुर्घटना के सही कारणों का पता चल सकेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश मिले हैं।