तीन दशक पुराने होलिका दहन स्थल विवाद निस्तारित

प्रधान इब्राहिमाबाद की प्रस्ताव पर सचिव ने लगाई मुहर कार्य शुर
कोठी। तीन दशक से विवादित होलिका दहन स्थल का
प्रधान इब्राहिमाबाद ने नवीन स्थल चयन कर विवाद का निस्तारण किया है। अब होली के दिन रंगों गुलाल साथ डीजे धुन पर लोग थिरक सकेगे‌। क्योंकि इसका सौंदर्यीकरण के साथ दूधिया लाइटें व जलाशय बनेगा‌। रंगोत्सव शौकिन लोगों को पुलिस झाम से अब फुर्सत मिलेगी।
हरख ब्लॉक क्षेत्र की पीरपुर मजरे इब्राहिमाबाद गांव में 1990 से होलिका दहन स्थल का विवाद रहा है। ग्रामीण उसी स्थान पर होलिका दहन की मांग पर पुलिस व प्रशासन से उलझते रहे। वर्ष 1996 में अक्रोशित लोगों ने विवादित स्थल पर काबिज एक मकान को गिराने साथ आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने मुकदमा लिखा। तब दर्जनों ट्रैक्टर ट्रालियों से ग्रामीण विधान भवन लखनऊ पहुंच गए। प्रशासन की अनुमति पर होलिका दहन मात्र खानापूर्ति तक सीमित रह गया। लोग होली पर्व में रूचि लेना बंद कर दिया। यूं कहें की रंगों गुलाल पर्व में पीरपुर गांव में श्वेत रंग में बदला गया। क्योंकि वर्ष 1997 व 1998 में काबिज लोगों पट्टा देने सहमति भी रास नहीं आई। होलिका दहन का एक निश्चित स्थान नहीं मिला। प्रधान प्रमिला रावत के चकबंदी प्रस्ताव भी नामंजूर हो गया। तब उन्होंने पीरपुर गांव में नवीन बंजर पर लगे गोबर ढेर को हटाने की ग्रामीणों से वार्ता की। इसी स्थान को होलिका दहन स्थल चयनित ग्रामीणों की सहमति ली। उन्हें पक्का घूर गढ्ढा देने आश्वासन किया। नवीन चयनित स्थल पर इंटरलॉकिंग, चबूतरा, दूधिया लाइटें, पक्का जलाशय, विश्राम स्थल, व्यायाम उपकरण व बारात रूकने आदि व्यवस्था के प्रस्ताव पर सचिव आकाश पटेल ने भी सहमति दी है। अब काम शुरू है‌। तीन दशक पुराना विवाद खत्म होने से लोगों में खुशी है।

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