सूखी पड़ी इन्हौना नहर, गेहूं सिंचाई को तरसे हजारों किसान।

इन्हौना अमेठी। दिसम्बर का महीना बीतने में शेष चार बचे हुए हैं अभी तक सिंचाई विभाग द्वारा इन्हौना नहर में पानी नहीं छोड़ा गया इन्हौना नहर क्षेत्र की किसी भी माइनर में पानी नहीं है। ऐसे में समय से गेहूं व सरसों की सिंचाई नही हो पा रही है। तेज पछुआ को देखते हुए किसानों को निजी इंजन से महंगे डीजल और ढाई तीन सौ रुपए प्रति घंटे के हिसाब से घंटे भाड़ा देकर अधिकतर किसानो को ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हजारों किसान इस तरह के है जिनके गेहूं के खेतों में नमी चली गई थी और गेहूं की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।

शारदा सहायक खंड 41 हैदरगढ़ ब्रांच से निकलने वाली इन्हौना नहर में पानी नहीं आने से नवंबर-दिसंबर के महीने में बोए गए गेहूं की फसल को सिंचाई के लिए बेसब्री से इंतजार है। जब नहर में पानी आने का समय है तो नहर में पानी नहीं है। यह स्थिति तब है जब तकरीबन नहरों में सिल्ट सफाई का कार्य हो चुका है।

खानी पूर्ति के लिए दिसम्बर में कुछ दिनों के इन्हौना नहर में पानी छोड़ा गया था लेकिन उस समय अस्सी प्रतिशत किसान गेहूं की बुवाई ही करने और खेत की छपाई में लगे हुए थे, जब से इन्हौना नहर बंद हुई तब से अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया , नहर में पानी आने के स्थान पर बालू उड़ रही है। किसानों की जमीन नमी न होने के चलते पलेवा के लिए पड़ी है। बोआई नहीं हो पाई है। इसी के साथ नवंबर के प्रथम सप्ताह में गेहूं व सरसों की सिंचाई का समय भी निकल रहा है। जिन किसानों के पास निजी सिंचाई के साधन हैं उनकी सिंचाई तो हो रही लेकिन जिनके पास निजी साधन नहीं है उनकी सिंचाई पिछड़ रही है।

इन्हौना नहर की शाखा सिंदुरवा से निकली चिरैया माइनर के किसान आशुतोष यादव , लालबहादुर, महादेव यादव, शिव बरन , मंसूर अली, ठाकुर बिक्रम सिंह , संजय दीप श्रीवास्तव, विजय दीप श्रीवास्तव आदि का कहना है कि बीते कई दिनों से पछुवा चल रही है। ऐसे में खेतों की नमी बहुत तेजी से गायब हो रही है। इन्हौना नहर के अलावा इसमें से निकलने वाली छोटी बड़ी तीन दर्जन माइनरों से हजारों किसानों के खेतों की सिंचाई होती है। सिंहपुर और इन्हौना रजबहा में पानी नहीं आने से सभी माइनर सूखी हैं। कठौरा कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक आर के आनंद का कहना है कि बीते कई दिनों से तेज पछुवा बह रही है। इससे सर्दी तो बहुत तेजी से बढ़ी है। साथ ही खेतों की नमी भी उड़ रही है। ऐसे में यदि गेहूं की फसल 20 दिनों से अधिक की हो गई है तो निश्चित ही सिंचाई कर दें जिसका फायदा गेहूं के कल्लो की बढ़ोत्तरी को मिलेगा। लेकिन यहां बीस दिन कौन कहे लगभग साठ दिन बीतने को है गेहूं और सरसों की फसल पानी के लिए तरस रही है।

इनसेट:———- बयान —–
सिंहपुर और सुबेहा शाखा में मंगलवार को आयगा नहर में पानी चौहान।:—–
खण्ड 41 सिचाई विभाग के सहायक अभियंता केके सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी मंगलवार को सिंहपुर और सुबेहा शाखा में पानी छोड़ा जाएगा लगभग एक सप्ताह दोनों शाखाओं में पानी चलाने के बाद ही इन्हौना नहर में पानी छोड़ा जाएगा लगभग एक सप्ताह तक इन्हौना नहर चलाई जाएगी।

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