सिंघम के नाम से फेमस आईपीएस प्रशांत कुमार बने यूपी के नए कार्यवाहक डीजीपी

  • 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार तथा एक बार राष्टपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों भी सम्मानित हो चुके हैं प्रशांत कुमार
  • 300 से ज्यादा एनकाउंटरों में शामिल हो चुके हैं प्रशांत कुमार, उनके नाम से बड़े-बड़े अपराधियों के छूटने लगते हैं पसीने

लखनऊ। डीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश का चौथा कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।सीनियर आईपीएस प्रशांत कुमार 300 से ज्यादा एनकाउंटर में शामिल रहे हैं। इन्हें योगी सरकार के भरोसेमंद अफसरों में से एक और सरकार के संकटमोचक कहे जाते हैं।क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार का कार्यकाल बुधवार को खत्म हो रहा है। जिसके बाद सरकार की तरफ से प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी दी गई है।प्रशांत कुमार पीड़ितों की शिकायत का तत्काल संज्ञान लेते रहे हैं। वे पीड़ितों से सीधा संवाद करते थे। कई बार उनके आदेश निर्देश सूबे में चर्चा का विषय भी बने रहे हैं।लोगों को त्वारित न्याय मिलने की वजह से प्रशांत कुमार की छवि जनता के बीच बेहतर है। बता दें कि सीनियर आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार पर योगी सरकार को भरोसा भी खूब है। काफी लंबे समय से प्रशांत कुमार यूपी की सुरक्षा व्यवस्था व लॉ एंड आर्डर को दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। प्रशांत कुमार की कार्यशैली के बारे में पुलिस महकमें के जूनियर अधिकारी भी प्रशंसा करते रहे हैं। प्रशांत कुमार कई बार सरकार की उम्मीदों पर खरे उतर चुके हैं।अब यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के रूप में वह अपनी सेवायें देंगे। 

      बता दें कि प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं,और वे बिहार के सिवान जिला अंतर्गत हुसैनगंज प्रखंड के छाता पंचायत स्थित हथौडी गांव के रहने वाले हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार वर्तमान में उनके परिवार के लोग यहां नहीं रहते हैं। उनके रिश्तेदार ही सिर्फ गांव में रहते हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार सपरिवार पर्व- त्योहारों में गांव आते हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा सीवान से ही हुई है।हालांकि, उच्च शिक्षा अन्य प्रदेश से प्राप्त किया है।आईपीएस बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी,एमफिल और एमबीए की पढ़ाई की थी।बतौर आईपीएस प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिम्पल वर्मा से शादी के बाद यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गए। उत्तर प्रदेश में ही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पोस्ट पर कार्यरत थे। जिसके बाद उनका प्रमोशन डीजी रैंक पर हुआ था।लेकिन प्रदेश की योगी सरकार ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है।आईपीएस प्रशांत कुमार को बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए तीन बार पुलिस मेडल मिल चुका है। 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है। प्रशांत कुमार को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) अंतरराज्यीय गैंगस्टर शिव शक्ति नायडू के एनकाउंटर के लिए प्रदान किया गया था। एक बार राष्टपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों भी सम्मानित हो चुके हैं।उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रशांत कुमार को एडीजी पद पर चुना था। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर में शामिल रहे है। आईपीएस प्रशांत कुमार को सीएम योगी के भरोसेमंद अफसरों में से एक माना जाता है। उनके नाम से बड़े-बड़े अपराधियों के पसीने छूटने लगते हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार लोगों के बीच सिंघम के नाम से भी मशहूर है।

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