इस धनतेरस होगी अक्षय फल की प्राप्ति, ‘प्रीति’ योग का हो रहा निर्माण

नई दिल्ली। हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। तदनुसार, इस वर्ष 10 दिसंबर को धनतेरस है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। इस समय उनके हाथ में अमृत कलश भी था। अतः कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस कहा जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो धनतेरस तिथि पर शुभकारी प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में खरीदारी करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है

शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी।

धनतेरस पूजा मुहूर्त
धनतेरस तिथि पर पूजा का सही समय संध्याकाल 05 बजकर 47 मिनट से लेकर 07 बजकर 43 मिनट तक है। इस दौरान पूजा पाठ कर सकते हैं।

प्रीति योग
ज्योतिषियों की मानें तो धनतेरस तिथि पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 05 बजकर 06 मिनट के पश्चात हो रहा है। ये योग रात भर है। इस योग में पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही खरीदारी के लिए शुभ है। इस योग में शुभ काम भी कर सकते हैं।

करण
धनतेरस पर तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है। सर्वप्रथम तैतिल करण के योग हैं। इसके पश्चात, गर करण का निर्माण होगा। ज्योतिष दोनों ही करण को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य कर सकते हैं। धनतेरस की खरीदारी गर करण के दौरान कर सकते हैं

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