चुनाव प्रचार करना नहीं होगा सोशल मीडिया पर आसान…

पीलीभीत: लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को आचार संहिता लागू की जा चुकी है। जिसके बाद होर्डिंग पोस्टर उतारने के अलावा सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता का पालन सख्ती से कराने की तैयारी है। जिसकी निगरानी के लिए टीमें गठित की गई है। पुलिस के साथ प्रशासन भी इसकी निगरानी करेगा। इस बार चुनाव में अगर कोई चुनाव प्रचार पोस्ट या विज्ञापन करेगा। तो उसकी अनुमति लेना होगी।

 बदलते युग के साथ ही चुनाव प्रचार प्रसार का तरीके भी बदल गया है। अब लोग घर-घर जाकर वोट मांगने के अलावा सोशल मीडिया भी अपना प्रचार प्रसार अधिक करते हैं। जिस वजह से सोशल मीडिया पर भड़काऊ और विवादित पोस्ट भी वायरल कर दी जाती है।  शनिवार को आचार संहिता लागू होने के बाद सबसे ज्यादा निगरानी सोशल मीडिया की जा रही है। जिसके लिए चार टीमें बनाई गई है। 

यह टीमें नामांकन के बाद समस्त प्रत्याशियों के समस्त सोशल अकाउंट की जानकारी अपने पास रखेंगे। जिनकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाएगी।  साथ ही राजनीतिक पार्टियों को अपने सोशल मीडिया पेज पर विज्ञापन देने से पहले उसके लिए सर्टिफिकेट लेना होगा। बिना वेरिफिकेशन वाले कोई भी विज्ञापन गूगल, फेसबुक, ट्विटर या यूट्यूब पर पोस्ट नहीं होंगे। अगर ऐसा मिला तो आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।  

सभी राजनीतिक पार्टियों को कुल चुनावी खर्चे में सोशल मीडिया पर खर्च होने वाले पैसे को भी शामिल करना होगा और इसकी जानकारी देनी होगी। राजनीतिक पार्टी किसी तरह की सेना का फोटो भी अपनी पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए नहीं कर सकते हं। किसी भी तरह की फर्जी खबरें, फर्जी वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं की जाएंगी। यदि कोई इसका दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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