भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता को गांधी भवन में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
बाराबंकी। कॉमरेड अतुल अनजान किसानों, शोषितों और मजदूरों के अगुआ थे। उनका जीवन संघर्ष और बलिदान की गाथा है। वह जब बोलते तो सभा में जोश भर जाता। वह छात्र राजनीति में हमारे पसंदीदा नेता रहे हैं। वह समतावाद की मजबूत आवाज थे। उन्होंने जीवन भर पूंजीवादी समाज को उखाड़ फेंकने और शोषण से मुक्त समाज की स्थापना के लिए संघर्ष किया। जिनकी संस्मृतियां हमेशा बनी रहेंगी। यह बात गांधी भवन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे स्व. कॉमरेड अतुल कुमार अनजान के निधन पर आयोजित स्मृति सभा के मुख्य वक्ता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कही। इस मौके पर उन्होंने कॉमरेड अतुल अनजान के चित्र पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने बताया कि का. अतुल अनजान से मेरी मुलाकात 1967 में हुई थी। वह लखनऊ विश्वविद्यालय की राजनीति में सक्रिय थे और छात्रसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इसके बाद प्रगतिशील राजनीति और अंततः साम्यवाद की ओर उनका परिवर्तन शुरू हुआ। अपने निजी जीवन में कॉमरेड अतुल अनजान सरल, निश्छल और बेहद मिलनसार थे। उनके निधन से राष्ट्र की वर्तमान स्थिति में छात्र, किसान एवं श्रमिक वर्ग आंदोलन के लिए एक बड़ी क्षति है। जिसकी पूर्ति निकट भविष्य में सम्भव नहीं है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि कॉमरेड अतुल अनजान एक समर्पित और दृढ़ कम्युनिस्ट थे। जिन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों, मजदूरों और नवजवानों हितों के लिए संघर्ष किया। जिन मूल्यों के लिए कॉमरेड अतुल अनजान ने जीवन भर संघर्ष किया, उन्हें बनाए रखने और उनके प्रति सच्चा रहने का प्रयास करना ही दिवंगत कॉमरेड को सच्ची श्रद्धांजलि है। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर पूर्व विधायक राम गोपाल रावत, कांग्रेस नेता शिवशंकर शुक्ला, विनय कुमार सिंह, अजय वर्मा बबलू, मृत्युंजय शर्मा, पूर्व प्रमुख हसमत अली गुड्डू, सत्यवान वर्मा, वीरेन्द्र प्रधान, वासिक रफीक वारसी, अशोक शुक्ला, सरदार भूपेन्द्र पाल सिंह, अनुपम सिंह राठौर, राजेश यादव, मेराज प्रधान, संतोष रावत, रौषन सिंह, सतीष यादव, कृष्ण प्रताप सेंगर, जलाल नईम खान आदि कई लोग मौजूद रहे।